मासूमों की जान से खिलवाड़ कर रहे थे CHL MD अस्पताल के संचालक तनवीर वारसी, साहिल और विनोद, 22 आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज

CHL MD Hospital operators Tanvir Warsi, Sahil and Vinod, were messing with the lives of innocent people
मासूमों की जान से खिलवाड़ कर रहे थे CHL MD अस्पताल के संचालक तनवीर वारसी, साहिल और विनोद, 22 आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज
मासूमों की जान से खिलवाड़ कर रहे थे CHL MD अस्पताल के संचालक तनवीर वारसी, साहिल और विनोद, 22 आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज

डिजिटल डेस्क, राजगढ़। कोरोना ने स्वास्थ्य महकमे की गलतियों को एक बार फिर उजागर कर दिया है। राजगढ़ शहर में फर्जी नर्सिग होम संचालित करने का मामला सामने आया है। इस अस्पताल में न तो बुनियादी सुविधा है न ही डॉक्टर न ही नर्सिंग स्टाफ। अस्पताल की शिकायत करने पर पता चला कि ऐसा कोई नर्सिंग होम रजिस्टर ही नहीं है। लाइसेंसिंग अधिकारियों को बेवकूफ बना कर नर्सिंग होम का संचालन किया जा रहा था। इस नर्सिंग होम में इलाज के नाम पर मनमाने तरीके से पैसे वसूले जा रहे थे। बता दें कि इस अस्पताल का संचालन तनवीर वारसी, विनोद शर्मा, साहिल उद्दीन द्वारा किया जा रहा था।

मामला उजागर कैसे हुआ?
20 मई को अस्पताल की लापरवाही के कारण एक नवजात बच्चे की मौत हो गई। शिकायत पर प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की टीम ने अस्पताल पर कार्रवाई की। छापेमारी के दौरान उन्हें पता चला कि डॉक्टर एवं स्टाफ शिक्षित नहीं है। जरूरी उपकरण मौजूद नहीं है। इसके बाद एसडीएम पल्लवी वैद्य और सीएमएचओ डॉ. स्तूपनिक यदू ने अस्पताल को सील कर दिया। जांच के बाद कोतवाली पुलिस ने अस्पताल के दो संचालकों, एक पार्टनर और 19 सहयोगी कर्मचारियों पर एक दर्जन से अधिक धाराओं के तहत मामला दर्ज किया हैं। इसमे रजिस्ट्रेशन से लेकर अस्पताल संचालन तक में बड़ी गड़बड़ी सामने आई है। 

कैसे चल रहा था नर्सिंग होम?
अस्पताल के प्रबंधकों ने लाइसन्सिंग अधिकारी को गलत जानकारी देकर नर्सिंग होम संचालन की अनुमति लेने का प्रयास किया। ओपीडी में इलाज की अनुमति होने के बाद भी लेबर रूम, आईसीयू, आईक्यूडी संचालित कर मरीजों का इलाज किया जा रहा था।

लापरवाही से चली गई थी बच्चे की जान
टीआई जेबी राय ने बताया कि अजय नकवाल ने कलेक्टर से शिकायत में बताया था कि उसकी पत्नी को लेबर के लिए सीएचएल अस्पताल में भर्ती कराया था। अस्पताल की लापरवाही के चलते बच्चे की जान चली गई। इस शिकायत पर 20 मई को कार्रवाई के बाद एसडीएम ने जांच रिपोर्ट के साथ शिकायती आवेदन दिया। 

अस्पताल में मिली कई कमियां 
अवैध तरीके से दवा दुकान संचालित करने, बायोमेडिकल वेस्ट का उचित प्रबंध नहीं किया जा रहा था। अस्पताल में जन्म मृत्यु का रिकॉर्ड नहीं रखने, एमपी मेडीकल काउंसिलिंग एक्ट के प्रावधानों का उल्लंघन करने और अस्पताल प्रबंधन द्वारा निरीक्षण मे कोई सहयोग नहीं करने के साथ ही दस्तावेज छिपाने का प्रयास किया गया।

Created On :   23 May 2021 7:32 PM IST

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