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चित्रकूट हत्याकांड: 21 फरवरी को ही कर दी थी मासूमों की हत्या
डिजिटल डेस्क,चित्रकूट। चित्रकूट में 12 फरवरी को अगवा हुए मासूम भाइयों की हत्या गला दबाने से हुई है। दोनों मासूमों के पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में इस बात का खुलासा हुआ है। सतना पुलिस फिलहाल सभी छह आरोपियों से पूछताछ कर रही है। आरोपियों ने खुलासा किया है कि उन्होंने 21 फरवरी को दोपहर में बच्चों को मार दिया था। इस घिनौने अपराध में पदम शुक्ला, विक्रमजीत सिंह, राजेश द्विवेदी, आलोक तोमर, पिंटा यादव और रामकेश यादव अपराधी है। पूछताछ में उन्होंने खुलासा किया कि बच्चों को खाना खिलाने के बाद नींद की दवा देते थे।
दो दिन आलोक के घर पर थे बच्चे
बच्चों को अगवा करने के बाद पदम और राजू बाइक से आलोक तोमर के घर पहुंचे थे। प्रियांश और श्रेयांस को बेहोश कर दो इन इसी घर में रखा गया था। बता दें कि जानकीकुंड निवासी पदम बीटेक आईटी का ड्रॉप आउट स्टूडेंट था। वहीं राजेश द्विवेदी एग्रोनॉमी सेकंड सेमेंस्टर का छात्र है।
14 फरवरी को खोही के रास्ते पहुंचे अतर्रा
14 फरवरी को राजेश द्विवेदी और आलोक तोमर पीलीकोठी और खोही के रास्ते से भरतकूप और फिर अतर्रा पहुंचे। जबकि पदम शुक्ला अपनी बाइक की नंबर प्लेट बदल कर जानकी कुंड स्थित घर आ गया। वहीं मासूमों का ट्यूटर रामकेश वारदात के बाद बृजेश रावत के घर आता जाता रहा। इसी बहाने वो पीड़ित परिवार के घर की पल-पल की जानकारी अपने साथियों को देता रहा।
फिरौती के बाद हत्या
अपहरणकर्ता ने 19 फरवरी को परिजनों से 20 लाख की फिरौती हासिल कर ली थी। पहचान और पकड़े जाने के डर से 21 फरवरी से पदम शुक्ला, राजेश और आलोक तोमर ने मिलकर दोनों बच्चों की हत्या कर दी थी। उन्होंने बोलेरो से शव लेकर यूपी के बिसंडा थाना क्षेत्र के औगासी घाट पहुंचे और दोनों शवों को पत्थर से बांध कर यमुना नदीं में फेंक दिया।
Created On :   27 Feb 2019 3:15 PM IST