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बयान पर बवाल: कमलनाथ के विवादित बयान पर CM शिवराज दो घंटे तक दिया धरना, सोनिया को भेजी चिट्ठी
- इमरती देवी सोनिया से की कमलनाथ को पार्टी से बाहर करने की मांग
- कमलनाथ के विवादित बयान पर शिवराज सिंह का मौन धरना
- मध्य प्रदेश उपचुनाव में अभ्रद भाषा पर फिर हुआ विवाद
डिजिटल डेस्क, भोपाल। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कांग्रेस से बीजेपी में आई इमरती देवी को लेकर विवादित दिया। कमलनाथ के इस बयान के खिलाफ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दो घंटे का मौन व्रत रखा। शिवराज के साथ-साथ ज्योतिरादित्य सिंधिया, नरोत्तम मिश्रा, वीडी शर्मा समेत बीजेपी के कई बड़े नेता मौन धरने पर बैठे। बीजेपी ने पूरे प्रदेश में शांति पूर्ण तरीके से कमलनाथ का विरोध किया। इमरती देवी कांग्रेस की कार्यकारी अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखकर कमलनाथ को पार्टी से निकालने की मांग की है। वहीं, सीएम शिवराज ने भी सोनिया को चिट्ठी भेजी है जिसमें कमलनाथ को पार्टी के सभी पदों से हटाने का जिक्र किया गया है। इस पूरे मामले में बसपा प्रमुख मायावती ने कहा है कि कांग्रेस को सार्वजनिक रूप से माफी मांगनी चाहिए।
मुख्यमंत्री श्री @ChouhanShivraj , चुनाव प्रबंधन समिति संयोजक श्री @bhupendrasingho , गृहमंत्री श्री @drnarottammisra , मंत्री श्री @VishvasSarang , विधायक श्रीमती @KrishnaGaurBJP समेत भाजपा पदाधिकारी भोपाल में मौन व्रत पर बैठे। pic.twitter.com/Y3k26imzFi
— BJP MadhyaPradesh (@BJP4MP) October 19, 2020
वहीं कांग्रेस ने भाजपा पर असल मुददों से भटकाने की राजनीति करने का आरोप लगाया है। राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ ने ग्वालियर के डबरा में बगैर किसी का नाम लिए कहा था कि इस क्षेत्र से जो विधायक रहे हैं वह आइटम है। इस बयान को मंत्री इमरती देवी से जोड़कर देखा गया, भाजपा के नेताओं ने चौतरफा हमला बोला और सोमवार को मौन व्रत रखा। भाजपा ने राज्य में एक साथ कई स्थानों पर मौत व्रत रखा।
राजधानी में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पुरानी विधानसभा के करीब स्थित महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने दो घंटे का मौनव्रत रखा। इस मौके पर चौहान के साथ सरकार के मंत्री नरोत्तम मिश्रा, भूपेन्द्र सिंह, विश्वास सारंग, कमल पटेल के अलावा पार्टी के पदाधिकारी भी मौजूद रहे। इसी तरह इंदौर में राज्यसभा सदस्य ज्योतिरादित्य सिंधिया के नेतृत्व में भाजपा कार्यकतार्ओं ने रीगल चैराहे पर महात्मा गांधी की प्रतिमा के समझ मौन व्रत रखा। क्षेत्रीय सांसद शंकर लालवानी, मंत्री तुलसी सिलावट सहित अनेक नेता मौजूद रहे।
इसके अलावा ग्वालियर में भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा की अगुवाई में दो घंटे का मौन व्रत फूलबाग क्षेत्र में रखा गया। इस मौके पर केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, पूर्व सांसद प्रभात झा, पूर्व मंत्री जयभान सिंह पवैया सहित अनेक नेता मौजूद रहे।
भाजपा ने कमल नाथ के बयान को नारी का अपमान और गरीब व अनुसूचित जाति का के खिलाफ बताया तो कांग्रेस ने भाजपा की इस राजनीति पर ही सवाल उठाए हैं। कांग्रेस के मीडिया विभाग के अध्यक्ष व पूर्व मंत्री जीतू पटवारी का कहना है कि राज्य में बालिका और महिला अपराध बढ़ रहे हैं, कोरोना का असर बढ़ते क्रम में है, चुनाव में 15 साल का शासन बनाम 15 माह सामने है। जनता के सामने भाजपा का चाल, चरित्र और चेहरा उजागर हो चुका है, भाजपा और शिवराज को अब सिर्फ कमल नाथ ही नजर आ रहे हैं। वे क्या खाते हैं, क्या पीते हैं, क्या पहनते हैं और क्या बोलते हैं। वास्तव में आम जनता के असल मुददों से ध्यान भटकाने में भाजपा लगी हुई है मगर उसे इसका कोई लाभ नहीं होने वाला। ऐसा इसलिए क्योंकि जनता भाजपा को जान गई है।
सोनिया गांधी कमलनाथ को पार्टी से बाहर करें
कमलनाथ के बयान पर इमरती देवी का कहना है ऐसे लोगों का मध्य प्रदेश में रहने का कोई अधिकार नहीं है। ये कहां से आए हैं बंगाल से आए हैं। आज हमारे मध्य प्रदेश में एक महिला शक्ति को सशक्त माना जाता है। मैं मध्य प्रदेश के बाहर नहीं गई हूं। मैं मध्य प्रदेश की बात करती हूं। प्रदेश के घर में घर की महिला को लक्ष्मी माना जाता है। आज कमलनाथ ने लक्ष्मी का अपमान किया है। कमलनाथ प्रदेश की लक्ष्मियों को गाली देकर गया है। ऐसे कमलनाथ को अपनी पार्टी से बाहर करें।
ऐसे लोगों (पूर्व सीएम @OfficeOfKNath ) को मध्य प्रदेश में रहने का कोई अधिकार नहीं है ... मैं कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से उन्हें पार्टी से निकालने की मांग करती हूँ। सोनिया जी क्या वह बर्दाश्त करेगी अगर कोई अपनी बेटी के बारे में ऐसा कुछ कहेगा : इमरती देवी, कैबिनेट मंत्री मप्र pic.twitter.com/yMXaWJqgzU
— BJP MadhyaPradesh (@BJP4MP) October 18, 2020
Created On :   19 Oct 2020 10:50 AM IST