मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने 75 से 100 एकड़ जमीन चिन्हित करने के दिए निर्देश

Chief Minister Bhupesh Baghel gave instructions to identify 75 to 100 acres of land
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने 75 से 100 एकड़ जमीन चिन्हित करने के दिए निर्देश
वर्धा की तर्ज पर नवा रायपुर में स्थापित होगा 21 वीं सदी का सेवा-ग्राम मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने 75 से 100 एकड़ जमीन चिन्हित करने के दिए निर्देश

डिजिटल डेस्क, रायपुर। आजादी के 75वें वर्ष में आजादी की लड़ाई के मूल्यों, सिद्धांतों, आदर्शों तथा महात्मा गांधी की ग्राम-स्वराज की संकल्पना को अक्षुण्ण रखने के लिए नवा-रायपुर में भी वर्धा की तर्ज पर सेवा-ग्राम की स्थापना की जाएगी। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने इसके लिए नवा-रायपुर 75 से 100 एकड़ की जमीन चिन्हांकित करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि संस्थान में ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने एवं आत्मनिर्भर-ग्राम की कल्पना को साकार करने के लिए सभी प्रकार के कारीगरों के प्रशिक्षण की व्यवस्था का प्रावधान भी किया जाए। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने 02 अक्टूबर 2021 से पहले इस संबंध में कार्ययोजना प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं। 

गौरतलब है कि इस परियोजना के पीछे महाराष्ट्र के वर्धा में स्थित सेवाग्राम है, जिसकी स्थापना वर्ष 1936 में महात्मा गांधी और उनकी सहधर्मिणी कस्तूरबा के निवास के रूप की गई थी, ताकि वहां से वे मध्य भारत में स्वतंत्रता आंदोलन का नेतृत्व कर सकें। वर्धा का यह संस्थान महात्मा गांधी के सपनों के अनुरूप ग्रामीण भारत के पुननिर्माण का केंद्र भी था। गांधीजी का मानना था कि भारत की स्थितियों में स्थायी रूप से सुधार के लिए ग्राम-सुधार ही एकमात्र विकल्प है। अब 21वीं सदी में महात्मा गांधी के उन्हीं सपनों के अनुरूप ग्राम-सुधार के कार्य को आगे बढ़ाने के लिए नवा-रायपुर में सेवा-ग्राम की स्थापना की जा रही है। इस सेवा-ग्राम का निर्माण मिट्टी, चूना, पत्थर जैसी प्राकृतिक वस्तुओं का उपयोग करते हुए किया जाएगा। यह परियोजना गांधी-दर्शन को याद रखने और सीखने की प्रेरणा देगी। साथ ही स्वतंत्रता आंदोलन की यादों और राष्ट्रीय इतिहास को भी इसके माध्यम से जीवंत रखा जा सकेगा। 
रायपुर में प्रस्तावित सेवाग्राम में गांधीवादी सिद्धांतों, ग्रामीण कला और शिल्प के केंद्र विकसित किए जाएंगे, जहां अतिथि विषय-विशेषज्ञों द्वारा मार्गदर्शन दिया जाएगा। साथ ही वहां वृद्धाश्रम तथा वंचितों के लिए स्कूल भी स्थापित किए जाएंगे। इसका उद्देश्य पर्यटन के अवसरों को बढ़ा देकर, छत्तीसगढ़ की लोक कलाओं को प्रोत्साहन देकर, बुजुर्गों को दूसरा-घर देकर और वैचारिक आदान-प्रादन के लिए छत्तीसगढ़ में एक विश्वस्तरीय व्यवस्था का निर्माण करके स्थानीय लोगों का सशक्तिकरण करना है। सेवा-ग्राम में प्रस्तावित "विजिटर्स सेंटर" सीखने, निर्वाह करने और गांधी के सिद्धांतों का स्मरण करने का केंद्र जगह होगा। 
छत्तीसगढ़ अपनी विशिष्ट कला और शिल्प के लिए जाना जाता है। छत्तीसगढ़ के बस्तर, रायगढ़ और अन्य जिलों में बेल मेटल, लौह, टेराकोटा, पत्थर, कपड़े और बांस का उपयोग करके विभिन्न कलात्मक वस्तुओं का निर्माण किया जाता है। सेवाग्राम एक ऐसा स्थान होगा जहां आगंतुक स्थानीय कला और शिल्प,  स्थानीय व्यंजनों को बारे में जान सकेंगे। अपनी जानकारियों और अनुभवों को साझा कर सकेंगे। सेवा ग्राम में एक ओपन थियेटर भी होगा, जहां सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।

Created On :   15 Sept 2021 1:53 PM IST

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