छत्तीसगढ़: कोबरा कमांडो को छोड़ने के बदले नक्सलियों ने रखी शर्त, चार साथियों के मारे जाने की बात मानी, CRPF महानिदेशक ने कहा- 28 नक्सली मारे गए

Chhattisgarh Naxalite attack: Maoists agree to die of their four people
छत्तीसगढ़: कोबरा कमांडो को छोड़ने के बदले नक्सलियों ने रखी शर्त, चार साथियों के मारे जाने की बात मानी, CRPF महानिदेशक ने कहा- 28 नक्सली मारे गए
छत्तीसगढ़: कोबरा कमांडो को छोड़ने के बदले नक्सलियों ने रखी शर्त, चार साथियों के मारे जाने की बात मानी, CRPF महानिदेशक ने कहा- 28 नक्सली मारे गए

डिजिटल डेस्क, रायपुर। छत्तीसगढ़ के सुकमा और बीजापुर के जंगलों में नक्सलियों और सुरक्षा बलों के बीच हुई मुठभेड़ के बाद माओवादियों ने दावा माना है कि उनके चार लोग इसमें मारे गए हैं। मंगलवार को एक प्रेस नोट जारी कर उन्होंने कहा कि वे अपने एक साथी की लाश नहीं ले जा सके। वहीं माओवादियों ने सुरक्षाबलों पर हमले की जिम्मेदारी लेते हुए दावा किया है कि मुठभेड़ के बाद से लापता केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) की कोबरा बटालियन का एक जवान उनके कब्जे में है। माओवादियों ने बयान जारी कर जवान की रिहाई के लिए सरकार से बातचीत का दबाव बना रही है। इसके लिए मध्यस्थ नियुक्त करने की मांग की है।

माओवादियों ने बयान में कहा है कि एक जवान को उन्होंने बंदी बनाया है। उन्होंने कहा है कि सरकार पहले मध्यस्थों के नाम की घोषणा करे, इसके बाद बंदी जवान को सौंप दिया जाएगा। तब तक वह जनताना सरकार की सुरक्षा में रहेगा। नक्सलियों ने प्रेस नोट में 14 हथियार और 2000 से ज्यादा कारतूस साथ ले जाने का दावा किया गया है। उन्होंने नक्सली ओड़ी सन्नी, कोवासी बदरू, पदाम लखमा, माड़वी सुक्खा और नूपा सुरेश के मरने की पुष्टि की। नोट में लिखा है कि नक्सली सन्नी का शव नहीं ले जा सके।

3 पॉइंट में जानिए नक्सलियों का पक्ष

  1. नक्सलियों ने 2 पेज के प्रेस नोट में लिखा है कि अगस्त 2020 में गृहमंत्री अमित शाह ने दिल्ली में बैठक की थी। इस बैठक में ही मुठभेड़ की रणनीति बनी। रायपुर इसका केंद्र बना। राष्ट्रीय विशेष सुरक्षा सलाहकार के विजय कुमार अक्टूबर में 5 राज्यों के अफसरों के साथ बैठक की।
  2. नक्सल अभियान के लिए बस्तर IG सुंदरराज पी. को प्रभारी बनाया गया। DG अशोक जुनेजा को विशेष अधिकारी नियुक्त किया।
  3. नक्सलियों ने प्रेस नोट में कहा है कि हम बातचीत के लिए तैयार हैं, लेकिन सरकार ईमानदार नहीं है। पुलिस बल को इकट्‌ठा करने, कैंप बंद करने, हमला रोकने के बाद ही बातचीत संभव है। कोंडागांव, बीजापुर, नारायणपुर में सैनिक अभियान बंद होने चाहिए।

बतां दें कि छत्तीसगढ़ के सुकमा और बीजापुर जिले के सीमावर्ती क्षेत्र के जोनागुड़ा गांव के करीब शनिवार को सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच हुई मुठभेड़ के बाद से CRPF की 210 कोबरा बटालियन के जवान राकेश्वर सिंह मनहास लापता हैं। पुलिस उनकी तलाश कर रही है। माओवादियों ने बयान में कहा कि तीन अप्रैल को सुरक्षा बल के दो हजार जवान हमला करने जीरागुडेम गांव के पास पहुंचे थे। इसे रोकने के लिए पीएलजीए ने हमला किया है। इस कार्रवाई में 24 जवान मारे गए और 31 घायल हुए।

CRPF महानिदेशक ने कहा- 28 नक्सली मारे गए
वहीं CRPF महानिदेशक कुलदीप सिंह ने मंगलवार को कहा कि बीजापुर में नक्सलियों से मुठभेड़ मामले में सुरक्षाबलों से कोई चूक नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि सुरक्षा बलों पर 700-750 प्रशिक्षित नक्सलियों ने घात लगाकर हमला किया, जिसका कड़ा मुकाबला किया गया और जवाबी कार्रवाई में 28 से 30 नक्सली मारे गए हैं। उनके मुताबिक सुरक्षाबलों ने न केवल अपने हथियारों को सुरक्षित रखा, बल्कि अपने घायल साथियों को घटना स्थल से निकालने में सफल रहे। उन्होंने कहा कि हमारा एक जवान अभी भी लापता है। अटकलें हैं कि वह नक्सलियों के कब्जे में है। फिलहाल हम इस खबर की पड़ताल कर रहे हैं। हम इस जवान की खोज के लिए एक ऑपरेशन चलाने की योजना बना रहे हैं।

इससे पहले छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा था कि सुकमा और बीजापुर के जंगलों में हुई घटना महज एक मुठभेड़ नहीं थी। इसे एक युद्ध कहा जा सकता है जो चार घंटे तक चला था। उन्होंने कहा था कि हमें जानकारी मिली है कि नक्सली चार ट्रैक्टरों में अपने मारे गए लोगों और घायलों को लेकर गए थे। सुरक्षा बलों ने उन्हें भारी नुकसान पहुंचाया है।

 

 

Created On :   6 April 2021 11:59 PM IST

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