चार तहसीलों में 24 आरक्षित सीटों पर उम्मीदवार ही न मिले, फिर से चुनाव
डिजिटल डेस्क, अमरावती। चुनाव आयोग की नियमावली के अनुसार स्थानीय निकाय संस्थाओं के चुनाव में प्रभागों का आरक्षण संबंधित प्रभाग की जातिनिहाय वोटों की स्थिति के आधार पर रखा जाता है। लेकिन वर्ष 2021 से अब तक हुए अमरावती जिले की 14 ग्राम पंचायतों के चुनाव नतीजों पर नजर डालें तो आरक्षित सीटों के कारण ही 14 तहसील की 76 ग्राम पंचायतों में अधिकतर प्रभागों में फिर से चुनाव करवाना है। क्योंकि चांदुर बाजार, मोर्शी, वरुड और दर्यापुर आदि 4 तहसील की 24 आरक्षित सीटांे पर कोई भी उम्मीदवार नहीं मिलने से वहां पिछले वर्ष दिसंबर माह में हुए चुनाव में मतदान नहीं कराया गया। वहीं, वर्ष 2021 में ग्राम पंचायत के जो चुनाव हुए थे उसमें धारणी और चिखलदरा तहसील के 15 प्रभागों मंे विजयी हुए उम्मीदवार चुनाव जीतने के बाद एक वर्ष के कार्यकाल में अपना जाति जांच प्रमाण पत्र चुनाव अधिकारी के समक्ष पेश नहीं कर पाए जिससे अब इस गांव में फिर से चुनाव कराए जा रहे हैं। किंतु अब प्रशासन ने निर्णय लिया है कि इस उपचुनाव में पुरानी ही स्थिति बरकरार रही तो वह इन प्रभागों का आरक्षण ही बदलने की अपील वरिष्ठ चुनाव अधिकारियों से करेंगे।
कोरोना का प्रतिबंध हटते ही 2021 से अमरावती जिले की 14 तहसील के विविध चरणों में ग्राम पंचायतों के चुनाव घोषित हुए थे। पहले चरण में जिले के आदिवासी बहुल धारणी और मेलघाट में जहां चुनाव हुए उनमे से धारणी तहसील के हरिसाल और दाबीदा के उम्मीदवार दो सीटों से चुनकर आने के कारण उन्हें एक प्रभाग से इस्तीफा देना पड़ा। वहीं, कुसुमकोट बु., नागझिरा, धुलघाट रेलवे, बिजुधावडी, सुसर्दा के दो प्रभाग, चटवाबोट के एक प्रभाग में निर्वाचित सदस्यों ने इस्तीफा दिया तथा चार्कदा की सीट अनुसूचित जनजाति के महिला के लिए आरक्षित थी लेकिन वहां महिला उम्मीदवार हीं नहीं मिलने से वहां अब फिर से चुनाव करवाया जा रहा है। कुछ इसी तरह की स्थिति आरक्षित सीटों के मामले में चांदुर बाजार, मोर्शी और दर्यापुर व वरुड़ तहसील में भी देखी गई। यहां कुल 24 प्रभागों में आरक्षित सीटों पर उम्मीदवार ही नहीं मिलने से वहां अब फिर से प्रभाग रचना कर उपचुनाव कराया जा रहा है। वहीं, चिखलदरा तहसील के सेमाडोह, अडाव, नागापुर, खड़ीमल, सोमठाना खुर्द, रुईपठार, चुर्णी आदि ग्राम पंचायतों के 15 प्रभागों में उम्मीदवारों ने नियम के अनुसार एक साल में जाति जांच प्रमाणपत्र संबंधित चुनाव अधिकारी के पास जमा न करने से उनकी सदस्यता नियमानुसार रद्द किया गया। जहां अब फिर से उप चुनाव कराए जा रहे हैं। जिला प्रशासन का कहना है कि इन सभी प्रभागों में जहां कास्ट वैलिडीटी की समस्या निर्माण हुई और जहां आरक्षित सीटों पर उम्मीदवार हीं नहीं मिले वहां पुरानी ही स्थिति इस बार अगर कायम रही तो इन सभी प्रभागों का आरक्षण आनेवाले दिनों में बदला जाएगा।
Created On :   22 Feb 2023 3:27 PM IST