300 की किताबें 4हजार रु. में, अभिभावकों की जेब पर डाका

Book of rupees 300 are sold in 4000 rupees, scandal in education
300 की किताबें 4हजार रु. में, अभिभावकों की जेब पर डाका
300 की किताबें 4हजार रु. में, अभिभावकों की जेब पर डाका

डिजिटल डेस्क,दमोह। शिक्षा को सहज और सरल बनाने के लिए किसी भी दल की सरकार हो हमेशा ही इसी बात पर अडिग रहती है लेकिन होता है इसका उल्टा है और सीबीएसई स्कूलों ने तो ऐसी स्थिति बना रखी है की 300 की किताब है 4000 से अधिक कीमत पर मिल रही हैं । इस बात को लेकर अभिभावकों में रोष व्याप्त है लेकिन उनकी मजबूरी भी है वहीं दूसरी ओर सरकार जिला प्रशासन और सामाजिक संगठन भी इस मामले में चुप्पी साधे हुए हैं ।

बच्चों को अच्छी शिक्षा दिलाने के लिए अभिभावकों के सपने का लाभ यह स्कूल उठा रहे हैं    । सीबीएसई स्कूलों की परीक्षा परिणाम घोषित होने की प्रक्रिया शुरू हो गई है और अभिभावकों को स्कूल संचालक किताबों की सूची  थमाने लगे हैं। सीबीएसई स्कूलों के अभिभावकों को निजी प्रकाशकों की किताबें 10 गुना दामों पर खरीदनी पड़ रही हैं । पहली से कक्षा दसवीं तक के सीबीएसई स्कूलों के बच्चों की किताबों का व्यवसाय प्रतिवर्ष 2 करोड़ रुपए से अधिक तक पहुंच जाता है । प्रत्येक छात्र को 4000 रू. किताबों के लिए खर्च करना पड़ता है ।  कक्षा चौथी की एनसीईआरटी की किताबों का जो सेट 300 में मिल रहा है प्राइवेट स्कूल में पढने वाले बच्चे को 42 सो रूपए में खरीदना पड़ रहा है। कक्षा तीसरी की किताबें 4182 रुपए पंचमी की किताबें 4389 रुपए और नवमी की किताबों का सेट रू.3000 में खरीदना पड़ रहा है । कुछ स्कूलों का नवमीं की किताबों का सेट 3534 रुपए तथा कक्षा दसवीं में 37 30 रुपए देने पड़ रहे हैं कुछ ऐसा ही हाल सीबीएसई स्कूलों की हर कक्षा की किताबों की सेट का है जहां एनसीईआरटी की किताब में 550 या ?900 तक में आ जाती हैं वहीं निजी प्रकाशकों की किताबों के लिए  5500 या रू.6000 तक देने पड़ रहे हैं।
सख्त कार्यवाही का प्रावधान
सीबीएसई की गाइड लाइन के अनुसार सभी कक्षाओं में एनसीईआरटी की किताब में चलाने का प्रावधान है लेकिन निजी स्कूल अपनी मनमानी कर रहे हैं । ऐसे में स्कूल संचालकों पर कार्यवाही का भी प्रावधान है । स्कूल संचालक नियमों का पालन नहीं करते तो उन पर स्कूल शिक्षा विभाग कार्यवाही कर सकता है । इसमें यह भी उल्लेख है कि संचालकों द्वारा तय दुकान से किताबों की बिक्री होती है जो इसकी शिकायत मिलने पर स्कूल की मान्यता भी निरस्त की जा सकती है ।
स्कूल नियमों की उड़ा रहे धज्जियां
सीबीएसई स्कूल नियमों की धज्जियां उड़ा रहे हैं। सीबीएसई बोर्ड से निर्देश के बावजूद भी निजी स्कूल निजी प्रकाशकों की किताबें चलाकर 10 गुना दाम पर किताबों का सेट बेच रहे हैं यह की स्कूल और बुक स्टाल के बीच सांठगांठ से किया जा रहा है ।
स्कूल अलग तो किताब अलग
सीबीएसई पेटर्न का सिलेबस एक समान है लेकिन निजी स्कूलों में निजी प्रकाशकों की संख्या सैकड़ों में है । जितने स्कूल हैं उतने प्रकाशकों की किताबें चलाई जा रही हैं । एक ही कक्षा में अलग-अलग स्कूलों में अलग अलग प्रकाशकों की किताबें चलाई जा रही हैं ।
स्कूल कोई नियम नहीं मानते
इनका कहना है
निजी स्कूलों की हठधर्मिता की शिकायतें पूर्व में भी आई हैं वर्तमान में भी आ रही हैं इनकी जांच कर कार्यवाही की जाएगी ।
नीरज कुमार सिंह कलेक्टर दमोह

 

Created On :   18 March 2019 1:09 PM IST

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