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महिला जज की अवमानना में घिरे चार वकील, हाईकोर्ट ने जारी किया नोटिस
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डिजिटल डेस्क, नागपुर। जिला न्यायाधीश के खिलाफ सोशल मीडिया पर अनाप-शनाप टिप्पणी करने वाले अकोला के चार वकीलों के खिलाफ बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने अवमानना नोटिस जारी किया है। वकीलों में मधुसूदन शर्मा, दिनेश खुरानीया, अजय जोशी और श्रवण काशिद का समावेश है। अकोला की महिला जिला न्यायाधीश ने हाईकोर्ट को पत्र लिख कर वकीलों की शिकायत की है। 4 जून 2018 को वे अकोला जिला न्यायालय में जिला न्यायाशीश-1 और अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश पद पर नियुक्त हुई।
आरोप है कि उन्होंने एड. शर्मा की इच्छा अनुसार आदेश नहीं दिया, इसलिए वकील मिल कर उनकी बदनामी करने लगे। इस बीच प्रधान जिला व सत्र न्यायाधीश का तबादला होने से पद का अतिरिक्त भार उनके पास आया। ऐसे में शर्मा ने एक पत्र पर सभी कनिष्ठ वकीलों के हस्ताक्षर लेना शुरू किया और जिला संगठन के जरिए कामकाज पर बहिष्कार डालने का प्रयास किया, लेकिन वरिष्ठ वकीलों ने उनका विरोध किया।
इसके बाद वकीलों ने वाट्सएप पर एक ग्रुप बनाया और उस पर जज की बदनामी करने लगे। 19 अक्टूबर 2018 को कामबंद आंदोलन करने का निर्णय लिया गया। इस वक्त वरिष्ठ वकीलों और जजों की बैठक हुई। जिसमे शर्मा ने अपने कृत्य के लिए माफी मांगी। इस दौरान उन्हें कारण बताओ नोटिस भी जारी हुआ था, जिसका वकीलों ने कोई जवाब नहीं दिया। अब मामला हाईकोर्ट पहुंचा है। मामले में मंगलवार को हुई सुनवाई में हाईकोर्ट की ओर से एड.फिरदौस मिर्जा ने कोर्ट को बताया कि संबंधित वकील जजों पर आरोप करते है और फिर माफी मांगते हैं। यह हर बार होता है। ऐसे में इन प्रकरणों में गंभीर कार्रवाई की जरूरत है। ऐसे में कोर्ट ने प्रथमदृष्ट्या वकीलों को अवमानना का आरोपी मान कर उनपर अवमानना कार्रवाई शुरु करने का आदेश जारी करते हुए नोटिस भेजा है।
Created On :   1 May 2019 12:16 PM IST