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स्कूूलों की मनमानी का खामियाजा छात्र भोग रहे , बोर्ड ने रोका 242 का रिजल्ट
डिजिटल डेस्क, कटनी। केवल मान्यता के लिए आवेदन देकर ही हाईस्कूल और हायर सेकेंड्री स्कूल में छात्रों को एडमीशन देकर साल भर फीस वसूलने वाले प्राइवेट स्कूलों की लापरवाही का खामियाजा परीक्षार्थियों को भुगतना पड़ रहा है। माध्यमिक शिक्षा मंडल ने जिले के दो प्राइवेट स्कूलों के 242 परीक्षार्थियों का परिणाम रोक दिया। जिससे छात्र-छात्राओं और अभिभावकों में निराश हैं। पदमा पब्लिक स्कूल ढीमरखेड़ा के दसवीं में 60 और बारहवीं में 44 परीक्षार्थी शामिल हुए थे। इसी तरह मां वैष्णवी उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बड़वारा से दसवीं एक सौ और बारहवीं में 38 परीक्षार्थी शामिल हुए थे। उक्त विद्यालयों की मान्यता का नवीनीकरण परीक्षा फार्म भरने तक नहीं हुआ था। जिस पर विद्यालय संचालकों ने हाईकोर्ट की शरण ली थी।
दौड़ रहे थे कागजी घोड़े
बाद में हाईकोर्ट के निर्देश पर विद्यालयों को एक साल की मान्यता में वृद्धि की गई थी। पदमा पब्लिक स्कूल ढीमरखेड़ा के के प्राचार्य रमेश चौबे के अनुसार विद्यालय ने 2018 तक मान्यता थी, मान्यता की अवधि बढ़ाने के लिए आवेदन दिया था लेकिन परीक्षा फार्म भरने तक मान्यता नहीं मिली थी। बाद में बोर्ड ने 2020 तक मान्यता दे दी थी। इसके बाद भी विद्यार्थियों को परीक्षा फार्म भरने नहीं मिला तक तब हाईकोर्ट जबलपुर में याचिका दायर की थी। न्यायालय के निर्देश पर फार्म भरे गए एवं विद्यार्थियों को परीक्षा में शामिल किया गया। परिणाम रोके जाने के संबंध में अपने अधिवक्ता से सलाह लेकर आगे की कार्यवाही की जाएगी। मां वैष्णवी उमावि बड़वारा के संचालक लखनलाल रजक ने बताया कि उनके विद्यालय को बोर्ड ने 2020 तक मान्यता दी है। डीईओ के कहने पर हाईकोर्ट से प्रकरण वापस ले लिया था। वह गुरुवार को वकीलों से सलाह लेकर हाईकोर्ट में अपील करेंगे।
इनका कहना है
पदमा पब्लिक स्कूल ढीमरखेड़ा एवं मां वैष्णवी उमावि बड़वारा को बोर्ड ने 2020 तक मान्यता दी थी। दोनों स्कूलों का मामला हाईकोर्ट में था, बोर्ड ने रिजल्ट क्यों रोका यहा बता पाना संभव नहीं है। संजीव त्रिपाठी, मान्यता प्रभारी शिक्षा विभाग
Created On :   16 May 2019 2:11 PM IST