बिहार : राजग के रणनीतिकारों को सीट फॉर्मूला भी होगा सुलझाना!

Bihar: NDA strategists will also have to solve the seat formula!
बिहार : राजग के रणनीतिकारों को सीट फॉर्मूला भी होगा सुलझाना!
बिहार : राजग के रणनीतिकारों को सीट फॉर्मूला भी होगा सुलझाना!

डिजिटल डेस्क, पटना। बिहार सरकार में जनता दल (यूनाइटेड) के साथ शामिल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष अमित शाह ने अगले साल होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व को स्वीकृति देकर राजग के नेताओं में हो रही बयानबाजी को जरूर विराम कर दिया है, लेकिन राजग में सीट बंटवारे को लेकर आने वाली चुनौती को निपटना भी राजग के थिंकटैंक के लिए आसान नहीं होगा।

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने इस आने वाले चुनौती के संकेत दे दिए हैं। जासवाल ने कहा है कि विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बड़ा दिल दिखाएंगे।जानकार भी कहते हैं कि अमित शाह ने बिहार के कई नेताओं के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार या सरकार के विरोध में दिए जाने वाले बयान के बीच बड़ा दिल दिखाते हुए बिहार में नीतीश के नेतृत्व में आगामी चुनाव लड़ने की बात कहकर जद (यू) के पाले में गेंद डाल दी है।

बिहार के जानेमाने पत्रकार संतोष सिंह कहते हैं कि अमित शाह ने गेंद को नीतीश के पाले में डाल दिया है। लोकसभा चुनाव में भाजपा ने जद (यू) जैसी दो सांसदों की पार्टी को बराबर का साझीदार बनाते हुए सीट बंटवारे में बराबर सीट दी थी। ऐसे में विधानसभा चुनाव में भाजपा की मांग बराबर सीट की होगी, इसमें कोई दोमत नहीं है।भाजपा के एक नेता ने नाम जाहिर न करने की शर्त पर कहा कि इस बार जद (यू) को भाजपा के दबाव का सामना करना पड़ सकता है। उन्होंने साफ कहा कि भाजपा ने उम्मीद पाल रखी है कि अगले विधानसभा चुनाव में भाजपा बराबर की साझेदार होगी।

पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा 160 और जद (यू) ने 101 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ा था। जद (यू) उस चुनाव में राजद के साथ थी। उस चुनाव में भाजपा ने 53, जद (यू) ने 71 तथा राजद ने 80 सीटों पर जीत दर्ज की थी। बिहार की राजनीति पर नजर रखने वाले मनोज चौरसिया कहते हैं कि इसमें कोई दोराय नहीं कि बिहार के भाजपा के नेता अगले साल होने वाले चुनाव में जद (यू) के सामने बराबर सीट की दावेदारी रखेंगे। वे कहते हैं कि भाजपा नेतृत्व बिहार में सधी हुई रणनीति के साथ आगे बढ़ रहा है। उनका मानना है कि नीतीश के नेतृत्व में चुनाव लड़ने की घोषणा के बाद भाजपा ने नीतीश के महागठबंधन में जाने की किसी भी संभावना पर ब्रेक लगा दिया, वहीं सीट बंटवारे में बराबर साझेदारी मांग कर दबाव बढ़ाएगी।

चौरसिया कहते हैं कि चुनाव में भाजपा अगर बेहतर प्रदर्शन कर गई, तो बिहार के समीकरण बदलने से भी इनकार नहीं किया जा सकता। हालांकि, राजग में अभी तक सीट बंटवारे को लेकर जद (यू) और भाजपा के नेता अभी तक खुलकर आमने-सामने भले नहीं हुए हैं, लेकिन भीतरखाने भाजपा में बराबर की साझेदारी की मांग जोर पकड़ चुकी है। इधर, जद (यू) के नेता खुद को बड़ा भाई बताने से अभी भी पीछे नहीं हट रहे हैं। बहरहाल, राजग में नेतृत्व को लेकर बादल भले छंट गए हों, लेकिन चुनाव तक राजग में एक-बार फिर से भाजपा और जद (यू) के नेता आमने-सामने आ जाएं, तो कोई बड़ी बात नहीं होगी।

 

Created On :   22 Oct 2019 9:00 AM IST

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