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नीतीश कुमार की बौखलाहट पर हंसी आती है, बिहार 'क्राइम कैपिटल ऑफ द कंट्री' बन गया है : तेजस्वी यादव
डिजिटल डेस्क ( भोपाल)। राष्ट्रीय जनता दल के तेजस्वी यादव ने आज राज्य में बढ़ते क्राइम पर बिहार सरकार को जमकर लपेटे में लिया। उन्होंने कहा कि "बिहार "क्राइम कैपिटल ऑफ द कंट्री" होता जा रहा है। बिहार में लगातार अपराध बढ़ रहे हैं। कल मुख्यमंत्री जी की बौखलाहट बहुत हास्यास्पद थी। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जो बिहार के चोर दरवाजे से बने हैं वे मजबूर, बेबस, लाचार, कमजोर और थका हुआ लग रहे थे"। उन्होंने आगे कहा कि बिहार में अब लोगों को घर में भी डर लगने लगा है। सरकार और पुलिस लोगों की हिफाजत करने में फेल हो गई है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार समीक्षा बैठक के नाम पर "भिक्षा बैठक" कर आरसीपी टैक्स अंतर्गत वसूली माँगने में लीन है-
दरअसल, बिहार में हाल ही में इंडिगो के मैनजेर की गोली मारकर हत्या कर दी थी और अभी तक पुलिस हत्यारों का पता नहीं लगा पाई है। वहीं, आज बिहार के वैशाली जिले के महुआ थाना क्षेत्र में शनिवार को अपराधियों ने एक वकील की गोली मारकर हत्या कर दी। हत्या के कारणों का अब तक पता नहीं चल पाया है। महुआ के थाना प्रभारी कृष्णानंदन झा ने आईएएनएस को बताया कि तिसिऔता थाना क्षेत्र महथी गांव के रहने वाले शिवरंजन झा उर्फ पप्पू झा (45) शनिवार को अपनी वैगन आर कार से हाजीपुर आ रहे थे तभी महुआ थाना क्षेत्र के चकुमर गांव के पास अज्ञात अपराधियों ने उन्हें गोली मार दी। गोली लगने से उनकी घटनास्थल पर ही मौत हो गई। मृतक का परिवार हाजीपुर में रहता है तथा वे हाजीपुर व्यवहार न्यायालय में वकील थे।
आप किसके समर्थक है? मैं Direct आपसे पूछ रहा हूँ।
— Sanjay Yadav (@sanjuydv) January 15, 2021
- सवाल दागते निष्पक्ष पत्रकार @manishndtv से नीतीश कुमार
तो क्या बिहार में पत्रकारिता करने के लिए नीतीश कुमार या भाजपा समर्थक होना आवश्यक है?
नीतीश कुमार कहते है जाकर विपक्ष से पूछो, पता करो आज से 50-100 वर्ष पहले क्या होता था? pic.twitter.com/5TFbwABQhA
ऐसे में बिहार की नीतीश कुमार की सरकार लगातार विपक्ष और मीडिया के निशाने पर है। शुक्रवार को तो नीतीश का एक वीडियो भी काफी वायरल हुआ था, जिसमें उनकी बौखलाहट साफ दिखाई दे रही थी। उन्होंने मीडिया के लोगों के लिए भी अपशब्दों का प्रयोग किया। उन्होंने उग्र होकर मीडिया से कहा था वह किसकी तरफ़ है, यह दरअसल इस बात की शिकायत है कि वह उनकी तरफ़ क्यों नहीं है। नीतीश को शासन करते पंद्रह साल हो गए, लेकिन वे अपने पंद्रह वर्षों की उपलब्धियां नहीं गिनाते, उसके पहले के पंद्रह वर्षों का सवाल उठाते हैं।
Created On :   16 Jan 2021 11:45 AM GMT