मप्र की नई रेत नीति बनाने से पहले अन्य राज्यों की रेत नीति का अध्ययन करायेगी राज्य सरकार

Before making new sand policy of MP, the state government will get the sand policy of other states studied
मप्र की नई रेत नीति बनाने से पहले अन्य राज्यों की रेत नीति का अध्ययन करायेगी राज्य सरकार
मंत्रीपरिषद समिति के निर्देश मप्र की नई रेत नीति बनाने से पहले अन्य राज्यों की रेत नीति का अध्ययन करायेगी राज्य सरकार

डिजिटल डेस्क, भोपाल।  मप्र में नई रेत नीति बनाने की कवायद शुरू हो गई है। रेत नीति बनाने से पहले खनिज अधिकारियों का दल अन्य राज्यों में जाकर वहां की रेत नीति का अध्ययन करेगा। वहां की भौगाेलिक स्थिति, रेत खनन, परिवहन और भंडारण की तकनीक को समझेगा। इसकी एक रिपोर्ट बनाई जायेगी। जिसे बाद में मंत्री-परिषद समिति के समक्ष रखा जायेगा। मंत्री- परिषद समिति इस रिपोर्ट के आधार पर मप्र में नई रेत नीति का खाका तैयार करायेगी। जिसे बाद में प्रदेशभर में लागू किया जायेगा। रेत नीति का अध्ययन करने खनिज संचालनालय के अधिकारी, माइनिंग कार्पोरेशन और खनिज विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों का एक दल संभवत: इस माह अन्य राज्यों के लिए रवाना होगा। 

6 सदस्यीय मंत्री-परिषद समिति का गठन 25 जून 2021 को किया गया था। इस समिति में गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा, पीडब्ल्यूडी मंत्री गोपाल भार्गव, वन मंत्री विजय शाह, वित्त मंत्री जगदीश देवाड़ा, खनिज मंत्री बृजेंद्र प्रताप सिंह और नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा, पर्यावरण मंत्री हरदीप सिंह डंग है। इस समिति का संयोजक खनिज साधन विभाग के प्रमुख सचिव को बनाया गया है।

समिति गठन का उद्धेश्य है कि वह 3 महत्वपूर्ण बिंदुओं पर विचारण करेगी। इनमें रेत खनन की वर्तमान नीति का विश्लेषण, रेत खनन से अधिकतम राजस्व प्राप्त करने के उपाय, अनाधिकृत रेत उत्खनन को रोकने के उपाय और अन्य कोई अनुषांगित बिंदु जो समिति उपयुक्त समझे विचार करेगी। समिति को अपनी अनुशंसाएं 31 जुलाई तक प्रस्तुत करने की समय सीमा तय की गई थी। समिति ने अपने इन तीन महत्वपूर्ण बिंदुओं पर विचार कर काम शुरू कर दिया है और समिति के निर्देश पर ही अधिकारियों का दल अन्य राज्यों में जाकर वहां की रेत नीति का अध्ययन करेगा। 

उत्तर प्रदेश, केलर और तेलंगाना जायेंगे अफसर
रेत नीति का अध्ययन करने मप्र के अधिकारियों का दल उत्तर प्रदेश केरल और तेलंगाना जायेगा। इन प्रदेशों की रेत नीति काे अफसरों का दल समझेगा और वहां के अधिकारियों से भी अनुभव सांझा किये जायेंगे। बता दे कि उत्तर प्रदेश और दक्षिण भारत में रेत नीति पर्यावरण और राजस्व आय बढ़ाने की दृष्टि को ध्यान में रखकर बनाई गई है। इसलिए मंत्री परिषद समिति इन राज्यों का अध्ययन करायेगी।

मंत्री परिषद समिति में गोपाल भार्गव का था सुझाव
जुलाई में हुई मंत्री परिषद समिति की बैठक में पीडब्ल्यूडी मंत्री गोपाल भार्गव सुझाव दिया था कि रेत नीति बनाने से पहले अन्य राज्योंं की रेत नीति का अध्ययन करना आवश्यक है। इससे मप्र में बेहतर और प्रभावी रेत नीति बनाने में मदद मिलेगी। मंत्री भार्गव के इस सुझाव का मंत्री परिषद समिति ने समर्थन किया और अब अन्य राज्यों मेंं अध्ययन के लिए अधिकारियों का दल तैयार किया जा रहा है। दल में विशेषज्ञ अधिकारियों को आवश्यक रूप से रखा जायेगा। वहीं फिल्ड में पदस्थ जिला खनिज अधिकारियों को भी दल में रखा जायेगा। 

एनजीटी के आदेशों को ध्यान में नई नीति होगी तैयार
एनजीटी समय-समय पर परिस्थितियों को देखते हुए रेत खनन, परिवहन और भंडारण को लेकर आदेश निर्देश देती आई है, लेकिन इनमें से अधिकांश आदेशों का आज तक पालन नहीं किया गया। इनमें प्रमुख है, रेत डंपरों में जीपीएस लगाना, रेत खदानों की कैमरे से निगरानी और नदियों में जेसीबी जैसे भारी वाहनों से खनन पर रोक, लेकिन प्रदेश में इन नियमों का पालन ही नहीं किया जा रहा है। अब नई नीति ऐसे नियम शर्तें रखी जायेगी जिससे एनजीटी के आदेशों का कड़ाई से पालन हो। 

इनका कहना है
मप्र की नई रेत नीति बननी है। नीति को और बेहतर बनाया जा सके इसलिए मंत्री परिषद समिति ने सुझाव दिया है कि अन्य राज्यों की रेत नीति का अध्ययन करा कर नीति तैयार की जाये। उत्तर प्रदेश और साउथ के केरल-तेलंगाना राज्य में अफसरांे का दल अध्ययन के लिए भेजा जायेगा। अध्ययन रिपोर्ट के आधार पर मप्र की रेत नीति बनाई जायेगी।
बृजेंद्र प्रताप सिंह, मंत्री मप्र खनिज साधन विभाग

Created On :   13 Aug 2021 2:12 PM IST

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