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अपनी मातृभूमि और मातृभाषा पर गर्व करें - राज्यपाल कोश्यारी
डिजिटल डेस्क, नांदेड़। आज शिक्षा के क्षेत्र में नई तकनीकें उभर रही हैं। लेकिन तकनीक कितनी भी आगे बढ़े, शिक्षा को बेहतर बनाना सामूहिक जिम्मेदारी है। देश में मातृभाषा में इंजीनियरिंग शुरू करना एक आशाजनक बात है। मातृभाषा में पढ़ने से छात्रों को अपनी मातृभाषा पर गर्व होगा। छात्र में समर्पण की भावना पैदा करना, मातृभूमि और मातृभाषा में गर्व निर्माण करें, ऐसी अपील महाराष्ट्र के राज्यपाल और विश्वविद्यालय के कुलाधिपति भगत सिंह कोश्यारी ने की। वे स्वामी रामानंद तीर्थ मराठवाड़ा विश्वविद्यालय के सीनेट हॉल में आयोजित एक समारोह में बोल रहे थे।
इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ.उद्धव भोसले और क्यू-वाइस चांसलर डॉ.जोगेंद्रसिंह बिसेन मौजूद थे। जैसे राम-कृष्ण, श्री.गुरु गोबिंद सिंह मेरे लिए हमेशा अविस्मरणीय होते हैं। उनका निर्वाण इसी भूमि में हुआ था। यह स्वामी रामानंद तीर्थ जैसे संतों की भूमि है। इसलिए इस स्थान को प्रेरक बताते हुए नई शिक्षा नीति नए भारत के निर्माण के लिए है। प्रोफेसरों और शोधकर्ताओं को इस नीति का अध्ययन करना चाहिए और उस दिशा में आगे बढ़ना चाहिए। उन्होंने कहा कि, आने वाले वर्षों में छात्रों को स्टार्टअप स्वरोजगार के बारे में अधिक जागरूक किया जाना चाहिए। इस दौरान कुलपति डॉ.उद्धव भोसले ने विश्वविद्यालय में विभिन्न शैक्षणिक गतिविधियों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। साथ ही विश्वविद्यालयों द्वारा जैव विविधता और जल पुनर्भरण के क्षेत्र में किए गए कार्यों की ऑडियो रिकॉर्डिंग भी दिखाई गई। इस समय राज्यपाल श्री.भगत सिंह कोश्यारी ने उपस्थित प्राध्यापकों से सीधी बातचीत की।
विश्वविद्यालय के विभिन्न संकायों की विशिष्ट गतिविधियों और प्रोफेसरों के सामने आने वाली कठिनाइयों के बारे में जाना। कार्यक्रम की शुरुआत में स्वामी रामानंद तीर्थ की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया गया। कार्यक्रम का संचालन डॉ.राजेंद्र गोनारकर ने किया, जबकि क्यू-वाइस चांसलर डॉ.जोगेंद्रसिंह बिसेन ने दर्शकों का धन्यवाद किया। सीनेट हाउस में कार्यक्रम के बाद राज्यपाल श्री. गुरुगोविंद सिंह ने अध्ययन परिसर और अनुसंधान केंद्र के निर्माण कार्य की समीक्षा की इस समय राज्यपाल द्वारा क्षेत्र में वृक्षारोपण किया गया। यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर डॉ.ने उद्धव भोसले के मार्गदर्शन में सिंचाई और जल पुनर्भरण के लिए बनाए गए तालाबों का दौरा किया और कार्य पर संतोष व्यक्त किया।
राज्यपाल ने यह भी आशा व्यक्त की कि, विश्वविद्यालय के पास के गांवों के लोग इस तरह की मूल्यवान पहल से लाभान्वित होंगे। मीडिया से बात करते हुए, उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि स्वामी रामानंद तीर्थ मराठवाड़ा विश्वविद्यालय के समग्र विकास पर व्यक्तिगत रूप से ध्यान देंगे। इस अवसर पर वि.राजेश पवार, वि.राम पा.रातोळीकर, प्र-कुलगुरू डॉ.जोगेंद्रसिंह बिसेन, शिक्षण सहसंचालक डॉ.विठ्ठल मोरे, कुलसचिव डॉ.सर्जेराव शिंदे, जिलाधिकारी डॉ.विपिन इटनकर, जिला पुलीस अधिक्षक प्रमोद शेवाले, डॉ.रवी सरोदे, डॉ.एल.एम.वाघमारे, व्यवस्थापन परिषद सदस्य डॉ. वैजयंता पाटील, डॉ.दिपक बच्चेवार, डॉ.महेश मगर, डॉ. अशोक टिपरसे, डॉ.गजानन आसोलेकर, परमेश्वर हासबे, डॉ.दीपक शिंदे समेत विद्यापीठ के विविध संकुल के संचालक, अधिकारी व कर्मचारी की उपस्थिति रही।
Created On :   5 Aug 2021 6:35 PM IST