हाईकोर्ट में याचिका के बाद हटी टिकटॉक खाते से पाबंदी

डिजिटल डेस्क, मुंबई। सोशल मीडिया के चर्चित माध्यम टिकटॉक अकाउंट ब्लॉक किए जाने से परेशान युवाओं को बांबे हाईकोर्ट से राहत मिली हैं। पुलिस द्वारा टिकटॉक अकाउंट बंद किए जाने से परेशान तीन युवाओं ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। याचिका में दावा किया गया था कि टिकटॉक अकाउंट का इस्तेमाल किए जाने से रोके जाने के चलते उनके सामने जीविका का संकट पैदा हो गया है। अदालत में बताया गया है कि मुंबई पुलिस ने इस टिकटॉक खाते से पाबंदी हटा ली है। मनोरंजन जगत से जुड़े इन युवाओं का टिकटॉक अकाउंट नौ अगस्त 2019 को मुंबई पुलिस की सायबर सेल ने बंद किया है। लिहाजा इन युवाओं ने टिकटॉक अकाटउंट को ब्लाक करने के पुलिस के पत्र को रद्द किए जाने की मांग को लेकर बांबे हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी।
टिकटॉक पर आपत्तिजनक वीडियो शेयर किए जाने के बाद पुलिस ने यह कार्रवाई की थी। कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश बीपी धर्माधिकारी व न्यायमूर्ति एनआर बोरकर की खंडपीठ के सामने इस याचिका पर सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता रणवीर सिंह ने दावा किया कि मेरे मुवक्किल के टिकटॉक अकाउंट को ब्लाक करने को लेकर सूचना प्रौद्योगिकी कानून की धारा 69 ए के तहत तय की गई कानूनी प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया। इसलिए टिकटॉक अकाउंट ब्लाक करने के संबंध में जारी किए गए निर्देश को रद्द कर दिया जाए। क्योंकि यह कार्रवाई मेरे मुवक्किल के मौलिक अधिकारों का हनन करता है। वहीं सरकारी वकील केवी सस्ते ने कहा कि पुलिस ने याचिकाकर्ताओं के टिकटॉक अकाउंट ब्लाक करने के संबंध में जारी किए गए पत्र को वापस ले लिया है। इसलिए अब याचिकाकर्ता अपने टिकटॉक अकाउंट का इस्तेमाल कर सकते हैं।
उन्होंने कहा कि पुलिस अब नए सिरे से इस मामले में आदेश जारी करेगी। सरकारी वकील से मिली इस जानकारी के बाद खंडपीठ ने युवाओं की याचिका को समाप्त कर दिया। मुंबई पुलिस की सायबर सेल ने इस मामले में जुलाई 2019 में आपराधिक मामला दर्ज किया था। पुलिस ने यह मामला टिकटॉक अकाउंट से अपलोड एक वीडियों के आधार पर दर्ज किया था। पुलिस के मुताबिक वीडियो कानून व्यवस्था के लिए ठीक नहीं था। यह सामाजिक सौहार्द को बिगड़ाने वाला वीडिया था। पुलिस ने यह वीडियों अपने पास सुरक्षित रख लिया है। इस मामले में हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ताओं को जमानत पर रिहा किया है और तीन युवकों ने वीडियो को लेकर माफी भी मांगी है।
Created On :   7 March 2020 6:38 PM IST
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