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उद्योग व्यापार एवं मध्यम वर्ग के लिए औसत बजट
डिजिटल डेस्क, जबलपुर। जबलपुर चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री द्वारा केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा केंद्रीय बजट प्रस्तुत किया गया जिसमें व्यापार एवं उद्योगों को कोरोना महामारी में ठप्प पडे़ उद्योगों को कोई राहत नहीं दी गई एमएसएमई के लिए इस बजट में कोई राहत प्रदान नहीं की गई। चेम्बर चेयरमैन कमल ग्रोवर ने इस बजट को देश के इंफ्रास्ट्रक्चर ग्रोथ के लिए रोजगार बढ़ाने वाला बजट बताया।
जबलपुर चेम्बर के कार्यकारी अध्यक्ष प्रेम दुबे ने कहा कि क्रिप्टो करेंसी और एनएफटी से आय पर 30% टैक्स लगाने की घोषणा की गई इसके अलावा डिजिटल एसेट्स के लेनदेन पर 1% टीडीएस भी लगेगा परंतु आम आदमी को क्रिप्टो करेंसी के फ्राड से बचाने के लिए कोई उपाय नहीं किया गया, इस बजट में हमें बहुत उम्मीद थी बजट के भाषण में वित्त मंत्री ने आरबीआई की डिजिटल करेंसी पर बड़ा ऐलान किया।
चेम्बर सचिव पंकज माहेश्वरी ने कहा कि डिजिटल एजुकेशन को बढ़ावा पीएम ई विद्या के "वन कलास वन, टीवी चैनल" कार्यक्रम को 12 से 200 टीवी चैनलों तक बढ़ाया जाएगा। यह सभी राज्यों को कक्षा 1 से 12 तक क्षेत्रीय भाषाओं में सप्लीमेंट्री शिक्षा प्रदान करने में सक्षम बनाएगा। इससे रूरल एरिया में बच्चों को शिक्षित करने में मदद मिलेगी। यह एक ग्रोथ ओरियेंटेड बजट है। कर विशेषज्ञ अनिल अग्रवाल ने बताया कि आज का बजट एक दीर्घकालिक आधारभूत संरचना पर आधारित है।
कराधान के क्षेत्र में जहां व्यापारी सरलीकरण और अनुपालन में कमी की अपेक्षा कर रहा था उस पर सरकार का ध्यान नहीं गया, इसी तरह टैक्स स्लैब में बढ़ोतरी और मेडिकल खर्चे में छूट न देकर आम आदमी की जेब में पैसा नहीं पहुंचाया लेकिन सरकारी विभाग द्वारा छोटे उद्योगों एमएसएमई को उनके बिल का भुगतान मात्र 10 दिनों में कम करना स्वागत योग्य कदम है। 1 नेशन 1 रजिस्ट्रेशन स्वागत योग्य है, स्टार्ट अप को आयकर छूट 1 साल बढ़ाना अच्छा कदम है, वही मध्यम वर्ग की उपेक्षा निराशाजनक है।
चेंबर कोषाध्यक्ष अजय बख्तावर ने कहा की बढ़ता राजकोषीय घाटा अर्थव्यवस्था के लिए हानिकारक हो सकता है। भारत को डिजिटल इकोनामी की तरफ ले जाने वाले बजट में छोटे व्यापारी और दुकानदारों की उपेक्षा की है। कर सलाहकार अधिवक्ता अभिषेक ध्यानी ने कहा कि सरकार के इस बजट में आम आदमी महंगाई और बेरोजगारी से परेशान है, उसकी चिंता को खत्म करने के लिए कोई तात्कालिक उपाय नहीं किया गया है तथा जीएसटी के पल-पल बदलते नियमों से व्यापारी परेशान हो चुका है सामान्यतः दूर दृष्टि के अनुसार यह बजट अच्छा है परंतु अभी तात्कालिक उपाय की कमी है। बजट परिचर्चा में वरिष्ठ उपाध्यक्ष अजय अग्रवाल, एडवोकेट एम. एम. नेमा, रश्मि गुप्ता, मोना त्रिपाठी, संयुक्त सचिव धनंजय बाजपेयी, मनु तिवारी, दीपक सेठी, शशिकांत पांडे, इंदू कुमार सोनी आदि उपस्थित थे।
Created On :   1 Feb 2022 7:55 PM IST