लग्जरी कार कंपनियों को एक्सपर्ट टेक्नीशियन मुहैया करा रहा है औरंगाबाद शहर

Aurangabad city is offering specialist technicians to luxury car companies
लग्जरी कार कंपनियों को एक्सपर्ट टेक्नीशियन मुहैया करा रहा है औरंगाबाद शहर
लग्जरी कार कंपनियों को एक्सपर्ट टेक्नीशियन मुहैया करा रहा है औरंगाबाद शहर

आशीष देशमुख, औरंगाबाद। कभी 150 मर्सीडीज खरीदने का आर्डर देने वाले औरंगाबाद शहर ने अब 159 लग्जरी कार एक्सपर्ट टेक्नीशियन देकर एक नई उड़ान भरी है। अक्टूबर 2010 में एक साथ 150 से ज्यादा मर्सीडीज खरीदने का ऑर्डर देने वाला यह शहर अब लग्जरी कार कंपनियों को एक्सपर्ट टेक्नीशियन मुहैया करा रहा है। दरअसल, औरंगाबाद में महंगी कारों की बढ़ती बिक्री और शहर की क्षमता को देखते हुए यहां के पॉलिटेक्निक कॉलेज में नौ साल पहले लग्जरी कारों के लिए टेक्नीशियन का कोर्स शुरू किया गया। अब यह पॉलिटेक्निक कॉलेज हाई एंड कारों के टेक्निकल एक्सपर्ट का हब बन गया है।

8 बेटियां भी हैं शामिल
नौ साल में 157 एक्सपर्ट टेक्नीशियन यहां से निकल चुके हैं। इनमें 8 लड़कियां शामिल हैं। 20 छात्रों को सऊदी अरब, कतर, जर्मनी समेत यूरोप के देशों में नौकरी मिल चुकी है। इनमें चार लड़कियां भी हैं। यहां से निकले राहुल मलेशिया में हैं। कहते हैं कि ‘मेरे पिताजी अब भी अमरूद बेचते हैं पर उन्होंने मुझे यहां भेजा।’ एडवान्स कोर्स इन ऑटोमोटिव मैकेट्रॉनिक्स के इस कोर्स में लग्जरी कारों की टेक्नोलॉजी समझाने से लेकर मरम्मत की ट्रेनिंग दी जाती है। कॉलेज में कोर्स के प्रैक्टिकल के लिए 35 लाख रुपए की नई कार, फॉल्ट ढूंढने वाली ढाई लाख रुपए की किट, तीन लाख रुपए का सॉफ्टवेयर, इंजन की जांच के लिए दो लाख के दो इंजन होल्डिंग स्टैंड और तीन लैब स्थापित किए गए हैं। करीब 15 लाख की आबादी वाले औरंगाबाद में अभी 510 मर्सीडीज कारें हैं, यहां के लोगों ने 2010 में एक साथ 101 बीएमडब्ल्यू कारें भी खरीदी थीं।

सालाना पैकेज 12 से 20 लाख रुपए तक
यह कोर्स औरंगाबाद के अलावा तिरुवनंतपुरम (गवर्नमेंट इंजीनियरिंग कॉलेज), दिल्ली (जीबी पंत इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी) और पुणे में भी चल रहा है। यहां से अब तक 558 टेक्नीशियन निकल चुके हैं। सबसे पहले 2007 में पुणे में यह कोर्स शुरू किया गया था। एक साल के कोर्स की फीस करीब 90 हजार रु. है। मैकेनिकल, इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की डिग्री या डिप्लोमा किए छात्रों का टेस्ट के जरिए दाखिला होता है। टॉप-3 छात्रों को स्कॉलरशिप दी जाती है। कोर्स पूरा होने के बाद सालाना 12 से 20 लाख रु. तक का पैकेज मिलता है।

इस कोर्स से जीवन बदला
मैंने कंप्यूटर इंजीनियरिंग की थी। इसलिए मैं इस कोर्स के लिए पात्र नहीं था। फिर मैंने सेंटर के संचालक को रिमोट सेंसिंग कार का मॉडल बनाकर उसका डिटेल्ड प्रजेंटेशन दिया। तब जाकर उन्होंने मुझे सिलेक्ट किया। 
(सुयोग महाजन, बीएमडब्ल्यू, जर्मनी)

मेरी मां ने मुझे कोर्स के बारे में बताया था। बीटेक के बाद यह कोर्स करने का फैसला किया। अब कार इंजन की बारीकियां सीख रही हूं। कोर्स पूरा होने के बाद जर्मनी जाकर कार मैन्यूफैक्चरिंग मे रिसर्च करने का इरादा है। (आयशा फरहीन, पुणे)

Created On :   7 May 2018 10:30 AM IST

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