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सीमा विवाद सुलझाने के लिए असम-मिजोरम की बैठक, विवाद वाले क्षेत्र में पुलिस बल की तैनाती नहीं होगी
डिजिटल डेस्क, आइजोल। असम और मिजोरम के बीच चल रहे सीमा विवाद को सुलझाने के लिए गुरुवार को दोनों राज्यों के प्रतिनिधियों ने बैठक की। इस दौरान दोनों राज्य सीमा विवाद को सौहार्दपूर्ण ढंग से सुलझाने पर सहमत हुए। एक अधिकारी ने बताया कि असम सरकार ने मिजोरम की यात्रा को लेकर पहले जारी की एडवाइजरी को रद्द करने का भी फैसला किया है।
After a meeting with the officials of Govt of Assam Mizoram, a joint statement is singed by Hon’ble Minister, Assam, @ATULBORA2 Ji, Hon’ble Home Minister, Mizoram, @Lalchamliana12, Comm. Secy, Border Protection, Assam Sri GD Tripathi Home Secy, Mizoram Sri Vanlalngathsaka. pic.twitter.com/a10QmA4pP3
— Ashok Singhal (@TheAshokSinghal) August 5, 2021
अधिकारी ने कहा कि दोनों राज्य सरकारें अंतर-राज्यीय सीमा क्षेत्रों में शांति बनाए रखने पर सहमत हुईं है और इस संबंध में भारत सरकार की ओर से न्यूट्रल फोर्स की तैनाती का भी स्वागत किया। दोनों राज्यों की ओर से जारी एक संयुक्त बयान में कहा गया है, हाल के दिनों में दोनों राज्यों के पुलिस बलों के बीच जहां टकराव हुआ था वहां दोनों राज्य अपने-अपने फॉरेस्ट और पुलिस फोर्स को पेट्रोलिंग, डॉमिनेशन, एनफोर्समेंट या किसी भी क्षेत्र में नए सिरे से तैनाती के लिए नहीं भेजेंगे। इसमें असम-मिजोरम सीमा पर असम के करीमगंज, हैलाकांडी और कछार जिलों और मिजोरम के ममित और कोलासिब जिलों में ऐसे सभी क्षेत्र शामिल होंगे।
संयुक्त बयान पर असम के सीमा सुरक्षा और विकास मंत्री अतुल बोरा और विभाग के आयुक्त और सचिव जीडी त्रिपाठी और मिजोरम के गृह मंत्री लालचमलियाना और गृह सचिव वनलालंगथसाका ने हस्ताक्षर किए। असम के मंत्री अशोक सिंघल की ओर से ट्विटर पर शेयर किए गए बयान में कहा गया है, "असम और मिजोरम की सरकारों के प्रतिनिधि असम और मिजोरम में रहने वाले लोगों के बीच शांति और सद्भाव को बढ़ावा देने, संरक्षित करने और बनाए रखने के लिए सभी आवश्यक उपाय करने के लिए सहमत हैं।"
26 जुलाई को दोनों राज्यों के बीच अंतर-राज्यीय सीमा संघर्ष में असम पुलिस के छह जवान शहीद हो गए थे और कछार एसपी सहित 50 से अधिक लोग घायल हो गए थे। दोनों राज्यों ने इस घटना में मारे गए लोगों की मौत पर शोक व्यक्त किया और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना की थी।
मिजोरम के सीएमओ ने ट्वीट किया, असम और मिजोरम सरकार ने आइजोल में विचार-विमर्श के बाद आज एक संयुक्त वक्तव्य पर सफलतापूर्वक हस्ताक्षर किए। दोनों सरकारें मौजूदा तनाव को दूर करने और चर्चा के माध्यम से स्थायी समाधान खोजने के लिए गृह मंत्रालय की पहल को आगे बढ़ाने के लिए सहमत हैं।"
Govt. of Assam Govt. of Mizoram successfully signed a Joint Statement today after deliberations at Aizawl. Both governments agree to take forward Ministry of Home Affairs" initiatives to remove prevailing tensions and to find lasting solutions through discussions. pic.twitter.com/W3H8buNrj9
— CM Office Mizoram (@CMOMizoram) August 5, 2021
असम के मंत्री अशोक सिंघल ने एक ट्विटर पोस्ट में कहा, "हमने मिजोरम के गृह मंत्री लालचमलियानाजी और अन्य अधिकारियों के साथ असम मिजोरम बॉर्डर मुद्दे को हल करने पर चर्चा की। यह चीफ मिनिस्टर हिमंत बिस्वा जी और चीफ मिनिस्टर जोरामथांगा जी द्वारा शुरू की गई चर्चा के क्रम में है।
दोनों राज्यों की अपनी क्षेत्रीय सीमा के अलग-अलग इंटरप्रिटेशन्स हैं। मिजोरम का मानना है कि इसकी सीमा 1875 में आदिवासियों को बाहरी प्रभाव से बचाने के लिए बनाई गई एक "इनर लाइन" के साथ है। वहीं असम 1930 के दशक में किए गए एक जिले के सीमांकन को मानता है।
Created On :   5 Aug 2021 5:46 PM IST