बारिश शुरू होते ही ग्रामीणों के लिए काल साबित होने लगी बांडे नदी

As soon as the rain started, the Bande river started proving to be a time for the villagers.
बारिश शुरू होते ही ग्रामीणों के लिए काल साबित होने लगी बांडे नदी
दर्जनों गांव छत्तीसगढ़ पर निर्भर बारिश शुरू होते ही ग्रामीणों के लिए काल साबित होने लगी बांडे नदी

डिजिटल डेस्क,  एटापल्ली। आदिवासी बहुल और नक्सल प्रभावित एटापल्ली तहसील के अधिकांश गांव छत्तीसगढ़ राज्य की सीमा से सटे हुए हैं। छग राज्य में मोबाइल कनेक्टिविटी के साथ सारी सुविधाएं उपलब्ध होने के कारण आज भी स्थानीय गांवाें के नागरिक छग राज्य पर ही निर्भर हंै। मात्र छग राज्य पहुंचने के लिए शेवारी गांव से सटी बांडे नदी आज भी लोगों के लिए मुसीबत बनी हुई है। इस नदी पर पुल का निर्माणकार्य नहीं किये जाने से बारिश के दिनों में क्षेत्र के गांवों का छग राज्य से संपर्क कट जाता है। इस कालावधि में लोगों को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। स्थानीय आदिवासियों द्वारा नदी पर पुल निर्माणकार्य करने की मांग निरंतर रूप से की जा रहीं है। मात्र स्थानीय जनप्रतिनिधियों और जिला प्रशासन द्वारा इस मांग पर निरंतर अनेदखी की जा रही है। इस वर्ष बारिश शुरू होते ही यह नदी एक बार फिर लोगों के लिए परेशानी का सबब बन रहीं है।

तहसील के जवेली (बु), मानेवारा, मेंढरी और शेवारी ग्राम पंचायत छत्तीसगढ़ राज्य की सीमा से सटे हैं। इन चार ग्रापं के तहत दर्जनों गांवों का समावेश है। उक्त गांवों के नागरिकों को तहसील मुख्यालय पहुंचने के लिए पहले कसनसुर पहुंचना पड़ता है। जिसके बाद मुख्य सड़क पकड़कर एटापल्ली पहुंचा जा सकता है। लेकिन कसनसुर से एटापल्ली की सड़क इन दिनों अपनी बदहाली पर आसू बहा रहीं है। गांवों के नागरिकों को एटापल्ली पहुंचने के लिए कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। मुख्य सड़क पर बड़े-बड़े गड्‌ढे पड़ जाने के कारण इस सड़क पर कई हादसे भी हुए हैं। फलस्वरूप सरकारी कार्य छोड़ निजी कार्यों के लिए उक्त चारों ग्रापं के नागरिक छत्तीसगढ़ राज्य पर ही निर्भर है। 

Created On :   4 July 2022 1:39 PM IST

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