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हाईकोर्ट में जल्द होगी दो नए जजों की नियुक्ति, सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने दी हरी झंडी
डिजिटल डेस्क, जबलपुर। मप्र हाईकोर्ट में जल्द ही दो नए जजों की नियुक्ति होने वाली है। सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने मप्र हाईकोर्ट में जज के रूप में जबलपुर के अधिवक्ता विशाल धगट और ग्वालियर के अधिवक्ता विशाल मिश्रा के नाम की अनुशंसा की है। राष्ट्रपति के अनुमोदन के बाद नियुक्ति पत्र जारी किए जाएंगे। हाईकोर्ट में जजों के 53 पद स्वीकृत हैं। वर्तमान में 33 जज कार्यरत हैं। चीफ जस्टिस एसके सेठ 9 जून और प्रशासनिक जज एचजी रमेश 19 मई को सेवानिवृत्त होने जा रहे हैं। इससे हाईकोर्ट में जजों की संख्या घटकर 31 हो जाएगी। नए चीफ जस्टिस एए कुरैशी और दो नए जजों के आने से जजों की संख्या फिर बढ़कर 34 हो जाएगी।
जीवन परिचय
हाईकोर्ट जज के रूप में अनुसंशित विशाल धगट का जन्म 14 दिसंबर 1969 को हुआ। दिल्ली से बीए ऑनर्स की िडग्री लेने के बाद उन्होंने वर्ष 1999 में डॉ. हरिसिंह गौर विश्वविद्यालय सागर से एलएलबी की। श्री धगट ने 1999 में मप्र हाईकोर्ट में वकालत की शुरूआत की। 20 वर्षों की वकालत के दौरान वे शासकीय अधिवक्ता भी रहे। ग्वालियर निवासी अधिवक्ता विशाल मिश्रा संवैधानिक, सिविल और क्रिमिनल मामलों के जानकार हैं। ग्वालियर से एलएलबी करने के बाद उन्होंने वकालत की शुरूआत की। श्री मिश्रा ग्वालियर हाईकोर्ट में अतिरिक्त महाधिवक्ता भी रहे।
10 पीजी स्टूडेन्ट्स को क्यों नहीं दे रहे इनरोलमेन्ट नंबर
हाईकोर्ट ने प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा, डीएमई और मेडिकल यूनिवर्सिटी जबलपुर के रजिस्ट्रार को नोटिस जारी कर पूछा है कि इंडेक्स मेडिकल कॉलेज इंदौर के 10 पीजी स्टूडेन्ट्स को इनरोलमेन्ट नंबर क्यों नहीं जारी किया जा रहा है। जस्टिस आरएस झा और जस्टिस संजय द्विवेदी की युगल पीठ ने चार सप्ताह में जवाब-तलब किया है।
इंडेक्स मेडिकल कॉलेज इंदौर में पीजी स्टूडेन्ट्स डॉ. तनुज कुमार दास सहित 10 छात्रों की ओर से दायर याचिका में कहा गया है कि उन्होंने जून 2016 में प्रीपीजी एग्जाम क्लियर करने के बाद पीजी में प्रवेश लिया था। उन्होंने अपनी थीसिस और इनरोलमेन्ट की फीस भी जमा करा दी। उनके फाइनल एग्जाम शुरू होने के पहले मेडिकल यूनिवर्सिटी जबलपुर ने उन्हें इनरोलमेन्ट नंबर देने से इनकार करते हुए कहा कि यूनिवर्सिटी को उनके प्रवेश संबंधी पूरे कागजात नहीं मिले है। इसके पूर्व यूनिवर्सिटी ने उनसे शपथ-पत्र भी लिया कि उनके दस्तावेजों की जांच चल रही है। अधिवक्ता आदित्य संघी ने कहा कि छात्रों ने वर्ष 2016 में जिस समय प्रवेश लिया था, उस समय इंडेक्स मेडिकल कॉलेज मावलांचल यूनिवर्सिटी के अंतर्गत आता था। छात्रों ने उस समय अपने पूरे दस्तावेज मालवांचल यूनिवर्सिटी के पास जमा किए थे। अब फाइनल एग्जाम के वक्त छात्रों को इनरोलमेंट नंबर नहीं दिया जा रहा है। प्रांरभिक सुनवाई के बाद युगल पीठ ने अनावेदकों को नोटिस जारी कर जवाब-तलब किया है।
Created On :   14 May 2019 12:59 PM IST