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एक क्लिक पर खुलेगा क्रिमिनल का पूरा डेटा, क्रिमिनल सर्च एप तैयार
डिजिटल डेस्क, नागपुर। अपराध शाखा पुलिस विभाग ने आधुनिकता के इस दौर में अपराधियों के रिकॉर्ड जानने व उनके बारे में हर मालूमात को एक क्लिक पर हासिल करने के लिए नागपुर क्रिमिनल सर्च एप तैयार किया है। इस एप के माध्यम से अब तक साढ़े लाख तक का क्राइम डाटा एकत्रित किया जा चुका है। नागपुर में इस एप को पायलट प्रोजेक्ट के रुप में अपराध शाखा पुलिस विभाग के अपर पुलिस आयुक्त नीलेश भरणे की पहल पर शुरू किया गया है।
प्रोजेक्ट के चार चरण पूरे
प्रोजेक्ट के चार चरण पूरे हो चुके हैं। इस एप की खूबी यह है कि इसे पुलिस सिपाही भी अपने मोबाइल में अपलाेड कर सकता है। वह कोई भी घटना कहीं पर होने पर उस अपराधी से जुड़ी तमाम जानकारी तत्काल हासिल कर सकता है। वह यह नहीं कह सकता है कि, उसके पास संबंधित आरोपी या अपराधी की जानकारी नहीं है।
इस एप के शुरू हो जाने से अब हर सिपाही के पास शहर के उन तमाम अपराधियों का रिकॉर्ड होगा, जिनका डाटा इस एप में एकत्रित हो चुका है। एप के डाटा रिकॉर्ड को मेंटेंन करने के लिए शहर के सभी थानों में दो एडमिन तैनात किए गए हैं, वे हर समय इस अपराध डाटा को अपडेट रखने का कार्य करेंगे। पुलिस अधिकारी से लेकर कर्मचारी कहीं पर भी बैठकर किसी भी अपराधी या आरोपी के बारे में सारी जानकारी हासिल कर सकेंगे।
झूठ बोलने वाले कर्मचारी पकड़े जाएंगे
कई बार आरोपी की धरपकड़ के नाम पर पुलिसकर्मी झूठ बोलकर बच निकलते हैं। इस एप के कारण अब वे झूठ नहीं बोल पाएंगे। वह जिस आरोपी की धरपकड़ करने उसके ठिकाने पर जाएंगे। वहां की तस्वीर लेकर उसे अपलोड करते ही वह अपडेट हो जाएगी। इससे यह पता भी चलेगा कि, कौन से पुलिस कर्मी किस जगह पर कौन से आरोपी की जानकारी लेने गया था।
इससे अपराधियों की चेकिंग के रिकॉर्ड भी जमा हो जाएंगे। इस एप में अपराधी से जुड़ी तमाम जानकारियों के अलावा उसके दोस्तों, मित्रों व रिश्तेदारों के बारे में भी जानकारी रखी जाएगी, जिससे अपराधी के बारे में आसानी से पता चल सकेगा कि, शहर में किसी प्रकार की घटना होने पर संबंधित आरोपी या अपराधी उस घटना के समय कहां था।
हर पुलिसकर्मी को अपडेट रखेगा
इस एप में अपराधियों के डाटा रिकार्ड को हर पुलिसकर्मी अपने आप भी अपडेट रख सकता है। इसकी सुविधा भी इसमें की गई है। क्रिमिनल डोजर इन्फार्मेशन के अंतर्गत किसी भी अपराधी के बारे में संबंधित थाना, आरोपी या अपराधी का नाम, एफआईआर नंबर, वर्ष, ठिकाना और धाराओं का जिक्र होगा, जिससे यह पता चल सकेगा कि, उस पर किस तरह की कौन से मामले कब-कब दर्ज हुए हैं। शुरूआती दौर में इस एप में काफी खामियां थी। उसे दूर कर लिया गया है।
अब अपराधियों के फोटो से लेकर उनके सारे रिकार्ड का डाटा इस एप से पुलिस अधिकारी- कर्मचारी हासिल कर सकेंगे। नागपुर में यह पहला पायलट प्रोजेक्ट है। इसकी सफलता के बाद इसे पूरे राज्य में शुरू किया जा सकता है। पहले चरण में इसमें कई कमियां थी, लेकिन दूसरे चरण में उसे दूर कर ली गई।
Created On :   1 July 2019 2:23 PM IST