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सानुग्रह अनुदान को लेकर किसानों के आंदोलन में अब उतरेंगे अण्णा हजारे
डिजिटल डेस्क, वाशिम। सिंचाई प्रकल्प के लिए सीधी खरीदी पद्धति से ली गई ज़मीन को सानुग्रह अनुदान देने की मांग को लेकर देपूल से शुरु हुआ अांदोलन अब वरिष्ठ समाजसेवी अण्णा हजारे तक पहंुचने की जानकारी प्रकल्पग्रस्त संघर्ष समिति के विदर्भ प्रांत प्रमुख किसान नेता माणिकराव गंगावणे ने दी। विदर्भ प्रांत के सिंचाई का अनुषेष भरकर निकालने के लिए विदर्भ के अकोला, वाशिम, बुलढाणा, अमरावती जिलो मंे सिंचाई प्रकल्प बड़े पैमाने पर हुए। इसके लिए संपादित की गई ज़मीन में से 90 प्रतिशत ज़मीन सीधी खरीदी पद्धति से कम कीमत पर संपादित करते हुए किसानों पर अन्याय किया गया। जिन किसानों ने प्रकल्प का विरोध किया, उन्हें प्रति एकड़ 15 से 20 लाख मुआवज़ा दिया गया तथा इसी प्रकल्प को तत्काल ज़मीन देकर सहयोग करनेवाले 90 प्रतिशत किसानों को केवल डेढ़ से दो लाख प्रति एकड़ मुआवज़ा देकर अन्याय किया गया। इस हेतु किसानों को सीधी खरीदी प्रकरण में प्रति एकड़ 15 से 20 लाख रुपए अनुदान दिए जाने की मांग को लेकर देपूल के किसानों द्वारा शुरु किया गया आंदोलन वाशिम जिले समेत विदर्भ प्रांत में पहंुच गया और अब तो वरिष्ठ समाजसेवी अण्णा हजारे तक जा पहंुचा।
अण्णा ने मांगी जानकारी}अण्णा हजारे इस किसान आंदोलन में उतरेंगे। इसे लेकर सविस्तार जानकारी अण्णा हजारे द्वारा मांगे जाने की जानकारी प्रकल्पग्रस्त संघर्ष समिति के विदर्भ प्रांत प्रमुख माणिकराव गंगावणे गुरुजी ने दी। एक ही सिंचाई प्रकल्प में ज़मीन को अलग-अलग भाव देने, सीधी खरीदी और भूसंपादन कानून से ज़मीन की जा सकती थी, लेकिन ज़बरदस्ती सीधी खरीदी से 90 प्रतिशत ज़मीन कम िीमत पर संपादित करवाना, ज़मीन का मूल्यांकन जिलाधिकारी अथवा विभागीय आयुक्त स्तरीय समिति को मंजूर करना था, लेकिन केवल कार्यकारी अभियंता व शाखा अभियंता ने वर्ष 2009 के पुराने दर 2013 तक इस्तेमाल कर किसानों पर अन्याय किया। यह सभी मुद्दे लेकर किसान नेता माणिकराव गंगावणे गुरुजी अण्णा हज़ारे से मिले और उन्हें आपबीती सुनाई। जिस पर विस्तार से जानकारी व कागज़ाद देने की मांग करते हुए किसान आंदोलन को शासन दरबार तक पहंुचाकर न्याय दिलवाने हेतु इस लड़ाई में शामिल होने की बात भी अण्णा हजारे ने कही।
Created On :   28 Sept 2021 3:59 PM IST