कोरोना की चौथी लहर की आशंका के बीच कर्मियों की कमी से जूझ रहा स्वास्थ्य विभाग 

amrawati in health department facing shortage of personnel amid fears of fourth wave of Corona
कोरोना की चौथी लहर की आशंका के बीच कर्मियों की कमी से जूझ रहा स्वास्थ्य विभाग 
अमरावती कोरोना की चौथी लहर की आशंका के बीच कर्मियों की कमी से जूझ रहा स्वास्थ्य विभाग 

डिजिटल डेस्क, अमरावती। कोरोना का नया वेरियंट चीन सहित अन्य देशों में सक्रिय होने के बाद केंद्रीय स्वास्थ्य विभाग ने देश की सभी स्वास्थ्य यंत्रणा को सतर्क कर दिया है। नए वेरियंट तेजी से फैलने की अाशंका है। इससे निपटने दो दिन पूर्व स्वास्थ्य उपसंचालक ने बैठक पर मंथन किया तो सामने आया कि कोरोना के मरीज बढ़े तो सरकारी अस्पतालों मेें डॉक्टर्स और तकनीशियन तो हैं लेकिन उसकी तुलना में नर्सेस और वार्डबॉय काफी कम हैं। ऐसे में मरीज बढ़े तो वर्तमान में कार्यरत नर्सेस व वार्डबॉय की समस्या खड़ी होगी।

जानकारी के अनुसार कोरोना की संभावित लहर को लेकर समूचे देश में अलर्ट घोषित करने के बाद स्वास्थ्य उपसंचालक तरंग तुषारवारे ने 24 दिसंबर को जिला सरकारी अस्पताल को भेंट दी। उन्होंने विभाग निहाय समूचे अस्पताल का मुआयना किया। बाह्य रुग्ण विभाग, एक्सरे विभाग, प्रयोगशाला, मानसिक स्वास्थ्य विभाग, असंक्रामक बीमारी नियंत्रण कार्यक्रम विभाग, दवा भंडार विभाग आदि विभागों का मुआयना करने के बाद जिला शल्य चिकित्स के कक्ष में जिला स्वास्थ्य अधिकारी, मनपा के वैद्यकीय अधिकारी, जिला स्त्री अस्पताल की वैद्यकीय अधीक्षक, विभागीय संदर्भ सेवा अस्पताल के वैद्यकीय अधीक्षक के साथ चर्चा की। इस समीक्षा बैठक में कोरोना की संभावित लहर से निपटने किए जानेवाली तैयारी पर चर्चा की गई। इस समय बताया गया कि इर्विन अस्पताल के वार्ड नं.9, 10, 11, 12 तथा सुपर स्पेशालिटी अस्पताल के पास निर्माणाधीन पोर्टिबल हॉस्पिटल, डफरिन की नई इमारत, डॉ. पंजाबराव देशमुख वैद्यकीय अस्पताल, विदर्भ ज्ञान विज्ञान संस्था और शहर के निजी अस्पताल आदि की मदद से कोरोना की संभावित लहर से निपटने के लिए मरीजों को भर्ती करने की व्यवस्था की जा सकती है। लेकिन सरकारी अस्पतालों में डॉक्टर्स और तकनिशीयनों की भरमार है। लेकिन वार्डबॉय और नर्सेस की संख्या काफी कम है। जिला अस्पताल का ही विचार किया जाए तो यहां 142 पद मंजूर है। किंतु तीनों शिफ्ट में केवल 82 नर्सेस कार्यरत है। डफरिन, सुपर स्पेशालिटी और इर्विन इन तीनों अस्पतालों के लिए 212 सीटें मंजूर है। लेकिन यहां केवल 59 चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों पर काम का बोझ रहता है और संभावित लहर से निपटते समय इन कर्मचारियों के रिक्त सीटों की कमी प्रशासन को भारी पडेगी। 
 

Created On :   27 Dec 2022 1:32 PM IST

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