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अतिक्रमण हटाकर घरकुल योजना में हो वैकल्पिक व्यवस्था
डिजिटल डेस्क, चंद्रपुर। चंद्रपुर शहर के रहमतनगर, सिस्टर कालोनी जैसे क्षेत्रों में बाढ़ आयी, हमने परिसरों का जायजा लिया है। कुछ स्थानों पर बड़े पैमाने पर नदी तट व उसके परिसर में अतिक्रमण हुआ है। अतिक्रमण व प्रशासन की नियोजन शून्यता के चलते ऐसी नौबत आयी है। राजनीतिक दबाव में न आकर प्रशासन को अतिक्रमण निकालने जैसे कड़े निर्णय लेने की आवश्यकता है। 5 प्रतिशत लोगों का अतिक्रमण निकालकर घरकुल जैसी योजना में वैकल्पिक व्यवस्था करने के निर्देश प्रशासन को दिए हैं, ऐसी जानकारी चंद्रपुर दौरे पर आए राज्य के विपक्ष नेता अजित पवार ने दी।
बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों का जायजा व जिला प्रशासन से बैठक करने के बाद दोपहर को विश्रामगृह में आयोजित पत्र-परिषद में पवार ने कहा कि, बाढ़ के कारण चंद्रपुर जिले के कई तहसीलों में भारी नुकसान हुआ है। धान, कपास, सोयाबीन की 60 हजार हेक्टेयर क्षेत्र की फसल नष्ट होकर करीब 1 लाख किसानों का नुकसान हुआ है। इसके अलावा घरों को भी नुकसान हुआ है। मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री की सरकार में जैसा चाहिए वैसा काम प्रशासन नहीं कर रहा है। सभी पंचनामे पूर्ण कर तत्काल नुकसान भरपाई दें। घरों को नुकसान होने पर 5 हजार की मदद की घोषणा की है, वर्ष 2005 में ही इतनी मदद थी, अभी 2022 चल रहा है। ऐसे में यह मदद 10 हजार रुपए करने की मांग उन्होंने की। साथ ही किसानों को प्रति हेक्टेयर 75 हजार भरपाई देनी चाहिए।
प्रशासन की नियोजन शून्यता : उन्होंने कहा कि, गलत नियोजन के चलते नदी तट में सीवरेज ट्रिटमेंट प्लांट बनाया गया है। मनपा आयुक्त से पूछने पर उन्होंने महाराष्ट्र जीवन प्राधिकरण की ओर उंगली की। अंडरग्राउंड ड्रेनेज नहीं है। सीमेंट क्रांक्रीट सड़क बनने से पहले ही यह सबु कछ करना चाहिए था। नदी किनारे गैरकानूनी रूप से बड़े पैमाने पर प्लाट डाल जा रहे हैं। समय रहते इसे रोकना जरूरी है अन्यथा वहां घर, इमारत बनेंगी और भविष्य में गंभीर स्थिति निर्माण हो सकती है। इसलिए नगर व जिला प्रशासन ने एक-दूसरे पर उंगली न दिखाते हुए आपसी समन्वय से इसे रोके।
सभी मुद्दे अधिवेशन में उठाएंगे : वेकोलि ने अपने ओवर बर्डन नदी व नदी किनारे डाले हैं। इससे भी बाढ़ की स्थिति निर्माण हो रही है। इस समय उपस्थित सांसद बालू धानोरकर ने वेकोलि द्वारा दी जानेवाली खेती के दर की ओर ध्यान आकर्षित करते हुए छत्तीसगढ़ की तर्ज पर 16 से 20 लाख रुपए प्रति एकड़ देने की मांग की। राज्य सरकार को इसके अधिकार होने की बात सांसद ने बताने पर पवार ने यह मुद्दा अधिवेशन में उपस्थित करने का आश्वासन दिया। एक सवाल पर उन्होंने कहा कि, इरई नदी गहराईकरण के कार्य को खनिज विकास निधि से भी फंड ले सकते थे। उन्होंने माना कि, तीन पार्टियों की सरकार में सभी के मन के अनुसार काम नहीं हो पाये। पत्र परिषद में सांसद बालू धानोरकर, राकांपा शहर अध्यक्ष राजीव कक्कड, वरिष्ठ नेता डा.बाबासाहब वासाडे आदि उपस्थित थे।
Created On :   29 July 2022 2:07 PM IST