धान के बाद अब तुअर भी हाथ से जाने की कगार पर

After paddy, now tur is also on the verge of going out of hand.
धान के बाद अब तुअर भी हाथ से जाने की कगार पर
बादलों का असर धान के बाद अब तुअर भी हाथ से जाने की कगार पर

डिजिटल डेस्क, गड़चिरोली। जिले में दिसंबर माह के अंतिम तीन दिनों तथा जनवरी माह के प्रथम सप्ताह में लगातर तीन दिनों तक हुई बेमौसम बारिश के कारण तुआर उत्पादक किसानों की चिंता को बढ़ा दिया है। धान की फसल खोने के बाद अब तुअर की फसल भी हाथ से जाने की आशंका व्यक्त की जा रही है। जिले में शुरू बदरीले मौसम के चलते तुअर की फसलों पर कीटों का प्रकोप बढ़ने लगा है। वहीं बेमौसम बारिश के कारण तुअर काला पड़ने लगा है। जिससे किसान चिंतित हैं।

धान उत्पादक जिले के रूप में गड़चिरोली की पहचान है। मात्र लगातार हो रही धान फसलों की बर्बादी के चलते किसानों ने अपने खेतों में अन्य फसलें उगानी शुरू कर दी है। मिर्च, कपास, मक्का, के साथ अब तुआर की फसलों पर भी ध्यान दिया जा रहा है। जिले के अनेक तहसीलों के किसानों ने तुअर की फसल का उत्पादन ले रहे हैं। मात्र जिले में कुछ दिन पूर्व हुई बेमौसम बारिश तथा पिछले दो दिनों से  जारी बदरीले मौसम के कारण तुअर की फसल पर कीटों का प्रादुर्भाव बढ़ गया है। विभिन्न प्रकार के कीटों का एकसाथ प्रकोप बढ़ जाने से तुअर की फसल अब बर्बाद होने की कगार पर है। जिससे किसान चिंचित है। 

Created On :   24 Jan 2022 4:00 PM IST

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