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कोरोना के बीच अब ब्लैक फंगस का कहर- राजस्थान में मिले 700 केस, पटना में व्हाइट फंगस बना नई आफत
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डिजिटल डेस्क, जयपुर/पटना। कोरोना के बाद ब्लैक फंगस और अब वाइट फंगस ने अपना कहर बरपाना शुरू कर दिया राजस्थान में ब्लैक फंगस के करीबन 700 मामले दर्ज किए गए है। वहीं, बिहार में वाइट फंगस के चार मरीज पाए गए है। फंगस की वजह से राज्य सरकारों की चिंता बढ़ गई है। वाइट फंगस ब्लैक फंगस से ज्यादा घातक है। इस फंगस ने डॉक्टरों की चिंता बढ़ा दी है।
राजस्थान में क्या हाल
राजस्थान ने ब्लैक फंगस को महामारी घोषित किया गया है। राजस्थान में एक ही अस्पताल में कुल 100 मामले दर्ज किए गए, जिसके बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अधिकारियों को जरुरी एक्शन लेने के निर्देश दिए है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी पत्र में कहा गया हैं कि ब्लैक फंगस को महामारी के अंतगर्त शामिल किया गया है।
राज्यों में मिल रहे है मामले
ब्लैक फंगस के मामले सिर्फ़ राजस्थान में ही नहीं बल्कि महाराष्ट्र, गुजरात, दिल्ली, उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश में पाए जा रहे है। महाराष्ट्र में अभी तक 90 लोगों में यह संक्रमण पाया गया है। इन सभी राज्यों में नियमित अंतराल में मरीज पाए जा रहे है।
अभी के हालात
महाराष्ट्र में यह संक्रमण बहुत तेजी से फैल रहा है। महाराष्ट्र में म्युकरमाइकोसिस जांच कैंप लगाया जा रहा था। इस दौरान 400 लोगों में 16 लोग संक्रमित निकले। महाराष्ट्र सरकार ने केंद्र सरकार से अपील की हैं उन्हें तुरंत दवाई मुहैया कराई जाए। महाराष्ट्र के अलावा दिल्ली का भी यही हाल है। यहां के गंगाराम अस्पताल में 45, मैक्स में 25 एम्स में 20 और मूलचंद अस्पताल में एक केस पाया गया है।
वाइट फंगस
देश में अब तक जहां ब्लैक फंगस को लेकर सरकारें चिंता जाहिर कर रही थी। वहीं, वाइट फंगस ने सरकारों समेत डॉक्टरों की चिंता बढ़ा दी है। आज बिहार की राजधानी पटना में इसके चार केस दर्ज किए गए है। जिसके बाद से ही राज्य सरकारे सचेत हो गई है। यह बीमारी ब्लैक फंगस से ज्यादा खतरनाक है।
किन अंगों पर इसका असर
वाइट फंगस फेफंड़ों के संक्रमण का मुख्य कारण है। यह फेफड़ों के अलावा नाखून, स्किन, पेट और आंत मुंह के अंदरुनी भाग, किडनी, और बैन के अंदरुनी भागों को संक्रमित करता है। ये बीमारी भी कोरोना संक्रमितों में पाई जा रही है। देश में अब तक वाइट फंगस के चार मामले दर्ज किए गए है। वहीं, ब्लैक फंगस ने अपना कहर राजस्थान समेत दुसरे राज्यों में बरपाना शुरू कर दिया है।
कैसे पता चलेगा वाइट फंगस है
पटना पीएमसीएच के माइक्रोबायोलॉजी विभाग के डॉ. एसएन ने मीडिया को बताया कि जिन मरीजों में वाइट फंगस पाया गया है। उन सभी में कोरोना जैसे लक्ष्ण थे। इन्हें कोरोना की दवाईयां भी दी जा रही थी पर इसका असर नहीं दिख रहा था। इसके बाद इन सभी का रैपिड एंटीजन, रैपिड एंटीबॉडी और आरटी-पीसीआर कराया गया। जिसमें रिजल्ट नेगटिव आया। डॉक्टरों ने गहराई से जांच की, जिसके नतीजे में पाया गया कि इन्हें वाइट फंगस है। फिलहाल, सभी को फंगल दवा दी गई है।
Created On :   20 May 2021 3:30 PM IST