87 साल बाद श्री गुरुदेव सेवाश्रम पर भगवे की जगह लहराया तिरंगा 

After 87 years, the tricolor was hoisted in place of saffron at Shri Gurudev Sevashram
87 साल बाद श्री गुरुदेव सेवाश्रम पर भगवे की जगह लहराया तिरंगा 
अमरावती 87 साल बाद श्री गुरुदेव सेवाश्रम पर भगवे की जगह लहराया तिरंगा 

डिजिटल डेस्क, तिवसा (अमरावती)।   अखिल भारतीय श्री गुरुदेव सेवा मंडल के प्रवेशद्वार पर 87 साल बाद पहली बार भगवा ध्वज बाजू में कर वहां तिरंगा ध्वज लहराया गया। राष्ट्रसंत तुकड़ोजी महाराज ने 4 अप्रैल 1935 को गुढ़ीपाड़वा के दिन अखिल भारतीय श्री गुरुदेव सेवा मंडल की स्थापना की। तब सर्वप्रथम भगवा ध्वज लहराया गया था। पश्चात जब राष्ट्रसंत दौरे के उपलक्ष्य में देश विदेश का भ्रमण करते थे। तब इस महाद्वार पर भगवा ध्वज थोड़ा नीचे रखा जाता था और जब राष्ट्रसंत वापस लौटते थे तब इस ध्वज को ऊंचा उठाया जाता था। राष्ट्रसंत का निधन 11 अकटूबर 1968 को हुआ। तबसे इस महाद्वार पर भगवा ध्वज राष्ट्रसंत के कार्य स्वरुप हमेशा लहराता है। लेकिन देश की स्वतंत्रता लड़ाई में राष्ट्रसंत ने भी भाग लिया था।  तब उन्होंने पत्थर सारे बॉम्ब बनेंगे, भक्त बनेंगे सेना यह भजन कहा था। इस कारण अंगरेजो ने 28 अगस्त 1942 को चंद्रपुर से राष्ट्रसंत को गिरफ्तार कर नागपुर जेल में पश्चात सितंबर 1942 में नागपुर से रायपुर के मध्यवर्ती कारागृह में कैद रखा था।

 पश्चात 1965 में भारत और चीन के युद्ध में नेफा बॉर्डर पर जाकर राष्ट्रसंत ने तैयार हुआ हिंद तुम्हारे साथ, आवो चिनीओ मैदान में देखों हिंद का हाथ ऐसे देशभक्ति पर अनेक भजनों का गायन कर भारतीय सैनिकों का मनोबल बढ़ाया था। उस समय यह भजन काफी गूंजा था। अपनी शान को मान नहीं, जब देश की शान बिखर जाए। ऐसा राष्ट्रसंत ने अपनी गद्य रचना में लिखा है। आज राष्ट्रसंत के राष्ट्रभक्ति का स्मरण प्रत्येक को होता है। संपूर्ण राष्ट्र आजादी का अमृत महोत्सव मनाता रहते अखिल भारतीय श्री गुरुदेव सेवा मंडल ने 87 साल से आश्रम पर लहरा रहे भगवा ध्वज को बाजू में कर वहां तिरंगा लहराया। इस लहराते तिरंगे को देख राष्ट्रसंत तुकड़ोजी महाराज का स्वतंत्रता संग्राम में दिया योगदान याद दिलाता है। 

Created On :   16 Aug 2022 2:02 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story