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अवैध निर्माणों पर रोक लगाने में नाकाम अधिकारियों पर होगी कार्रवाई, HC ने दिया आदेश
- अवैध निर्माण पर कानूनी कार्रवाई
डिजिटल डेस्क, बेंगलुरु। कर्नाटक उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार और स्थानीय निकायों के प्रमुखों को निर्देश दिया है कि वे उन अधिकारियों पर विभागीय जांच के माध्यम से कार्रवाई शुरू करें जो अवैध निर्माण की ओर आंखें मूंद लेते हैं और उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू नहीं करते हैं।
न्यायमूर्ति नागप्रसन्ना की अध्यक्षता वाली पीठ ने गुरुवार को शिवमोग्गा जिले के निवासी के.एस. ईश्वरप्पा की याचिका पर ये फैसला देते हुए कर्यवाही के निर्देश दिए। पीठ ने अपने आदेश में स्पष्ट किया कि कर्नाटक नगर निगम (केएमसी) अधिनियम के अनुसार, सहायक इंजीनियरों और कार्यकारी इंजीनियरों को राज्य में निगमों की सीमा में मौजूदा अवैध भवनों का निरीक्षण करना है। अवैध निर्माण पाए जाने पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
यदि अधिकारी अवैध भवनों के विरुद्ध कार्रवाई करने में विफल रहते हैं और कर्तव्य की उपेक्षा करते हैं, तो संबंधित निगमों के आयुक्तों को विभागीय जांच का आदेश देना चाहिए। अदालत ने कहा कि अगर अधिकारी दोषी पाए जाते हैं तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए। इन अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने में कोई झिझक नहीं होनी चाहिए। यदि कोई अवैध भवनों के निर्माण में आगे बढ़ रहा है तो उसे निर्दयतापूर्वक रोका जाए। पीठ ने कहा कि अवैध निर्माणों को प्रोत्साहित करने वाले अधिकारियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई शुरू की जानी चाहिए।
अदालत ने आगे कहा कि जब लोग अवैध इमारतों का निर्माण करेंगे तो अधिकारियों को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष लाभ मिलेगा। जनता का नुकसान होगा। पीठ ने कर्नाटक नगर निगम अधिनियम 1976 के तहत एक अवैध इमारत को खाली कराने के संबंध में याचिकाकर्ता को जारी नोटिस पर सवाल उठाने वाली याचिका को भी खारिज कर दिया है। अदालत ने याचिकाकर्ता पर 50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है और उसे मुख्यमंत्री राहत कोष में राशि जमा कराने का निर्देश दिया है। अदालत ने शिवमोगा नगर निगम को मामले को अंत तक ले जाने का भी निर्देश दिया है।
(आईएएनएस)।
Created On :   24 Dec 2021 10:30 AM IST