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जर्जर मकान ढहाने की कार्रवाई फिर ठंडे बस्ते में
डिजिटल डेस्क, अमरावती । स्थानीय प्रभात टॉकीज के पास राजेंद्र लॉज की जर्जर इमारत का निचला हिस्सा ढहने से पांच निरापराध लोगों की हुई मृत्यु के बाद मनपा ने शहर के जर्जर मकानों की फिर से सूची तैयार कर इन जर्जर मकानों के मालिकों को स्वयं अपनी इमारत गिराने का नोटिस दिया था। नियम के अनुसार मनपा ने सभी जर्जर इमारतों के मालिकों को 7 दिन का समय देकर उन्हें गिराने की दिशा में कार्रवाई करना जरूरी था। लेकिन राजेंद्र लॉज की घटना को 15 दिन से ज्यादा का समय बीतने के बाद भी मनपा ने शुरुआती दौर में गिराई 7 जर्जर मकानों के अलावा शेष मकानों पर कार्रवाई बंद कर दी।
जानकारी के अनुसार राजेंद्र लॉज की निचली इमारत का स्लैब ढहने से पांच मजदूरों की मृत्यु के मामले में मनपा के जोन नं. 2 के उपअभियंता सुहास चव्हाण और शाखा अभियंता अजय विंचुरकर इन दोनों की लापरवाही प्राथमिकता से सामने आई। किंतु एमएनपी एक्ट के अनुसार इन दोनों जिम्मेदार अधिकारियों पर मनपा आयुक्त ने कार्रवाई करना जरूरी था। लेकिन मनपा आयुक्त ने शुक्रवार शाम तक इन दोनों अभियंताओं पर कोई कार्रवाई नहीं की। चव्हाण और विंचुरकर दोनों वर्तमान स्थिति में अपना मोबाइल स्विच ऑफ कर मुख्यालय से गायब हो चुके हैं। वहीं इन दोनों के गायब होने के बाद मनपा की सूची में शामिल 30 जर्जर मकानों पर कार्रवाई की प्रक्रिया भी ठंडे बस्ते में डाली गई।
मनपा ने नियम के अनुसार जर्जर मकानों के मालिकों को नोटिस देने के बाद तत्काल उस मकान का बिजली कनेक्शन और पानी कनेक्शन कट करना जरूरी था। बावजूद इसके वह मकान नहीं गिराते तो पुलिस की मदद से मकान खाली कर उसेे तोड़ना चाहिए। लेकिन पूर्व की तरह फिर से मनपा ने इन जर्जर मकानों के मालिकों को नोटिस देकर अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए समूची कार्रवाई ठंडेबस्ते में डाल दी है।
Created On :   19 Nov 2022 4:18 PM IST