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समता सहकारी बैंक के 24 संचालकों सहित 56 पर कार्रवाई, जब्त होगी प्रापर्टी
डिजिटल डेस्क, नागपुर। नागपुर सीआईडी ने समता सहकारी बैंक लिमिटेड नागपुर के मंडल संचालकों, अधिकारियों व कर्मचारियों और कुछ कर्जदारों की संपत्तियों काे जब्त करने का कार्य शुरू कर दिया है। उसे बेचकर निवेशकों को पैसे वापस किए जाएंगे। इसलिए नागपुर सीआईडी कार्यालय पुलिस लाइन टाकली में एक बार फिर निवेशकों को बुलाया गया है। निवेशकों को सीआईडी कार्यालय में बुलाने का कारण यह भी है कि कई निवेशकों के पते बदल चुके हैं। उस पते पर जाने के बाद सीआईडी को संबंधित निवेशक नहीं मिल पा रहे हैं।
कॉलेज के संचालक पिता-पुत्र ने की थी धोखाधड़ी
करीब 12 वर्ष पहले सीताबर्डी थाने में समता सहकारी बैंक धोखाधड़ी प्रकरण में आरोपी मिलिंद चिमूरकर, दिनेश चिमूरकर, तिरपुडे, देशपांडे सहित 56 आरोपियों पर धारा 406, 408, 409, 420, 467, 468, 471, 201, 120 (ब), 109, 34 व सहधारा 65 के तहत मामला दर्ज है। अदालत के आदेश पर एमपीआईडी (महाराष्ट्र प्रोटेक्शन ऑफ इनवेस्टर) अर्थात महाराष्ट्र निवेशक संरक्षण अधिनियम की धारा के अंतर्गत मामला दर्ज किया गया है। इस धारा के तहत आरोपियों की तमाम संपत्तियों को बेचकर निवेशकों की रकम वापस लौटाई जाती है। सीआईडी कार्यालय नागपुर ने निवेशकों के लिए सूचना जारी की है कि वे पुलिस लाइन टाकली स्थित सीआईडी कार्यालय में दूरभाष क्रमांक 0712- 2580297 पर भी संपर्क कर सकते हैं। इस बैंक में एक लाख से अधिक रकम जमा करने वाले निवेशकों की संख्या 1692 है, बाकी निवेशकों ने हजारों रुपए जमा किया है।
जिप कर्मचारियों को दो माह से नहीं मिला वेतन
जिला परिषद कर्मचारियों को मार्च और अप्रैल महीने का वेतन नहीं मिला है। मुख्य कार्यकारी अधिकारी संजय यादव ने पदभार संभाला, उसी समय कर्मचारियों का वेतन महीने की 1 तारीख को देने का वादा किया था। दो महीने बाद भी वेतन नहीं मिलने से यादव का दावा खोखला साबित हुआ है।
आर्थिक परेशानी से गुजर रहे कर्मचारी
कर्मचारियों का बकाया वेतन भुगतान करने के संबंध में कर्मचारियों की विविध संगठनों ने मुख्य लेखा व वित्त अधिकारी प्रिया तेलकुंटे से मिलकर चर्चा की थी। उन्होंने कर्मचारियों के वेतन भुगतान में कुछ तकनीकी समस्या के चलते बिल ट्रेजरी में नहीं भेज पाने की वजह बताई थी, परंतु दो दिन में इन समस्याओं का निपटारा कर रास्ता निकालने का आश्वासन दिया था। इस बात को 15 दिन से अधिक समय हो चुका है। समस्या का हल नहीं निकाला गया। सामान्य प्रशासन विभाग की उपमुख्य कार्यकारी अधिकारी प्रमिला जाखलेकर से मिलकर रास्ता निकालने का आग्रह किया गया। उनसे भी कर्मचारियों को निराशा हाथ लगी है। एक साथ दो महीने का वेतन बकाया रहने से कर्मचारी आर्थिक परेशानी से गुजर रहे हैं। वहीं जिन कर्मचारियों ने कर्ज ले रखा है, उनके कर्ज पर ब्याज का बोझ बढ़ने से दोहरी मार झेल रहे हैं। बीमा, भविष्य निर्वाह निधि के ब्याज से भी हाथ धोना पड़ रहा है। वेतन बिल पुन: जनरेट कर और से बीडीएस निकालना पड़ेगा आदि समस्याओं पर ध्यान आकर्षित किया गया।
Created On :   10 May 2019 11:45 AM IST