लेखाधिकारी ने व्यवसायी बन बनवाया आय प्रमाण पत्र, पत्नी को छात्रवृत्ति दिलाने किया फर्जीवाड़ा

Account officer made fraud income certificate for scholarship
लेखाधिकारी ने व्यवसायी बन बनवाया आय प्रमाण पत्र, पत्नी को छात्रवृत्ति दिलाने किया फर्जीवाड़ा
लेखाधिकारी ने व्यवसायी बन बनवाया आय प्रमाण पत्र, पत्नी को छात्रवृत्ति दिलाने किया फर्जीवाड़ा

डिजिटल डेस्क दमोह। जिपं दमोह में आए दिन कोई एक न एक नया कारनामा सामने आता है जिसमें यहां पर पदस्थ अधिकारी, कर्मचारी अपने व्यक्तिगत लाभ के लिए कुछ भी कर देते है। कुछ ऐसा ही मामला जिपं में पदस्थ लेखाधिकारी अवधेश गौतम के संबंध में आरटीआई के तहत निकाली गई जानकारी में उजागर हुआ। जिसमें लाड़ली लक्ष्मी व अपनी पत्नी के लिए बीएड की छात्रवृत्ति लेने के लिए व्यवसायी बन आय प्रमाण पत्र बनवा लिया और तहसीलदार द्वारा इसे जारी भी कर दिया गया लेकिन शिकायत के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की गई।
90 हजार रूपए वार्षिक बताई गई आय
आरटीआई में निकाले गए दस्तावेजों में लेखाधिकारी अवधेश गौतम द्वारा फर्जी आय प्रमाण पत्र बनवाने के लिए अपनी शासकीय सेवक होने की जानकारी न देकर पे- स्लिप के आधार पर आय प्रमाण पत्र न बनवाते हुए एक शपथ पत्र देकर अपनी आय को व्यवसायिक रूप दर्शाते हुए 90 हजार रूपए का आय प्रमाण पत्र बनवा लिया। जबकि इनकी वार्षिक आय 2 लाख 32 हजार 300 रूपए प्रतिवर्ष थी। तहसील दमोह द्वारा बिना किसी दिनांक के जारी किए गए इस आय प्रमाण पत्र में अवधेश पुत्र रामेश्वर प्रसाद गौतम की आय 90 हजार रूपए बताई गई है। इस प्रमाण पत्र को बनवाने के लिए अवधेश गौतम द्वारा जो शपथ पत्र 2 दिसम्बर 10 को बनवाया गया उसमें उन्होंने अपनी आय का स्त्रोत धंधा (व्यवसाय) दर्शाया है। इस बात की शिकायत होने के बाद भी तहसीलदार द्वारा किसी भी प्रकार की कोई कार्रवाई नहीं की गई।
लाड़ली लक्ष्मी का लिया लाभ
शासन के स्पष्ट निर्देश है कि कोई भी आयकरदाता लाड़ली लक्ष्मी योजना का लाभ नहीं ले सकता, लेकिन इनके द्वारा अपनी आय व पद को छिपाते हुए लाड़ली लक्ष्मी योजना के लिए अपनी पुत्री तरूणा गौतम का लाभ लिया और इसके लिए निर्धारित राष्ट्रीय बचत पत्र भी इन्होंने प्राप्त किए, जबकि इनकी आय के मुताबिक यह लेखाधिकारी होने के कारण इस योजना का लाभ नहीं ले सकते थे।
शपथ पत्र में जाति बदल दी
अवधेश गौतम द्वारा 2 दिसम्बर 10 को लाड़ली लक्ष्मी योजना के लाभ के लिए नोटरी के द्वारा बनवाए गए शपथ पत्र में अपनी जाति ब्राम्हण दर्शाई गई है जबकि यह मूल रूपेण अनुसूचित जाति वर्ग है और इस वर्ग के होने के नाते शासकीय सेवा का लाभ ले रहे है लेकिन फर्जी आय प्रमाण पत्र के बाद इनके द्वारा अपनी जाति को भी छिपाना कूटरचित दस्तावेज तैयार कराना अपराधिक कृत्य किया गया है। इस संबंध में शिकायत होने के बाद भी जांच अधिकारी द्वारा इनसे इन बिन्दुओ पर दस्तावेजी प्रमाण होने के बाद भी कार्रवाई न किया जाना अधिकारियों को संदेह के घेरे में लाकर खड़ा करता है। यह जानकारी महिला एवं बाल विकास विभाग से प्राप्त आरटीआई के दस्तावेजों में स्पष्ट रूप से उजागर हुई।
इनका कहना है
इस संबंध में जांच कराई गई थी तथा जांच में यह प्रमाण भी सामने आए थे। इस संबंध में शीघ्र ही संबंधित के विरूद्ध कार्रवाई की जाएगी।
एचएस मीणा सीईओ, जिपं दमोह

 

Created On :   12 Feb 2018 1:55 PM IST

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