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हिंदू रीति रिवाज के अनुसार गौमाता को दी अंतिम विदाई, गौपालक ने उतारा दूध का कर्ज
डिजिटल डेस्क, आमगांव (गोंदिया)। हिंदू धर्म में जन्म से लेकर मृत्यु तक सोलह संस्कार बताए गए हैं। इसमें रीति रिवाज के साथ अंतिम संस्कार काे बहुत अधिक महत्व है। ऐसे में अपने परिवार के एक सदस्य के रूप में पिछले 27 वर्षों से गौमाता का पालन-पोषण करनेवाले आमगांव शहर के बजरंग चौक निवासी पशुपालक मनोहर शिवणकर ने एक बेटे का फर्ज निभातेे हुए हिंदू परंपरानुसार गाय की फूलों से सजे वाहन पर बाजे-गाजे के साथ अंतिम यात्रा निकालकर पूरे रीति रिवाज के साथ अंतिम संस्कार कर गौमाता के दूध का कर्ज उतारा है। पशुपालक की इस गौसेवा को देखकर सभी की आंखें नम हुई। उनके इस गौसेवा की सर्वत्र सराहना की जा रही है।
जानकारी के अनुसार पशुपालक मनोहर शिवणकर के घर में पिछले 27 वर्षों से गाय का पालन पोषण किया जा रहा है। गौसेवा करते हुए गाय को किसी प्रकार की समस्या आने पर उसका पूरी तरह से ध्यान रखते थे। इस कार्य में पूरा परिवार सहयोग करता था। रविवार, 12 दिसंबर को अचानक गाय की मृत्यु होने पर पूरा परिवार शोक में डूब गया। ऐसे में एक बेटे का फर्ज निभाते हुए मनोहर ने परिसर में सभी को गौमाता के निधन की जानकारी दी। जिसके बाद घर के आंगन में उसका अंतिम स्नान कराया। जिसके बाद फूलों से सजे वाहन पर उसके पार्थिव को रखकर बाजे-गाजे के साथ उसकी अंतिम यात्रा निकाली। जिसके बाद रीति रिवाज के साथ उसका अंतिम संस्कार किया। गौमाता की अंतिम संस्कार में गांव के सैकड़ों नागरिक शामिल हुए थे। पशुपालक की इस गौसेवा की सर्वत्र सराहना की जा रही हंै।
Created On :   14 Dec 2021 3:05 PM IST