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आवारा मवेशियों की वजह से होने वाले सड़क हादसों को रोकने छग में अभिनव पहल
भास्कर ब्यूरो, रायपुर। राज्य में आवारा मवेशियों की वजह से होने वाली सड़क दुर्घटनाओं को रोकने छत्तीसगढ़ की भूपेश बघेल सरकार ने अभिनव पहल की है। शहरों की सड़कों से मवेशियों को हटाने की चल रही कोशिशों के बीच एक बड़ा कदम यह उठाया जा रहा है कि शहर की कम से कम एक सड़क ऐसी हो जो ‘एनिमल फ्री’ होगी।
नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग ने शहरी सरकारों को इस संबंध में निर्देश जारी करते हुए कहा है कि वे कम से कम एक सड़क ऐसी चिन्हित करें जिसे ‘एनिमल फ्री’ घोषित किया जा सके। विभाग के अफसरों का मानना है कि ऐसा करने से सडक़ दुर्घटनाओं को कुछ हद तक रोका जा सकता है।
गौरतलब है कि पिछले महीने मुख्य सचिव अमिताभ जैन की अध्यक्षता में हुई सडक़ सुरक्षा संबंधी बैठक में छुट्टा (आवारा) मवेशियों की वजह से दुर्घटना की बात सामने आई थी। इस पर सीएस ने पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर ‘एनिमल फ्री सडक़ बनाने के निर्देश दिए थे।
शहर सरकारों को यह निर्देश दिए गए
नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग ने सभी नगर निगम आयुक्तों, नगर पालिका और नगर पंचायतों के सीईओ को सड़क सुरक्षा संबंधी जो निर्देश भेजे हैं उसके तहत संबंधित नगरीय निकाय क्षेत्र की सड़कों पर सही ढंग से साइन बोर्ड और संकेतक लगाये जाने हैं। प्रमुख मार्गों पर स्ट्रीट लाइट का बेहतर इंतजाम करना है।
वहीं एक सड़क चिन्हित कर उसे एनिमल फ्री यानी मवेशियों से मुक्त घोषित करना है। नगरीय प्रशासन विभाग के संचालक अय्याज फकीरभाई तंबोली के अनुसार, यह सीधा सा कांसेप्ट है। सड़क से मवेशी हटेंगे तो दुर्घटनाओं की संभावना कम होगी।
अपने स्तर पर बनानी है योजना
नगरीय प्रशासन विभाग के अधिकारियों के अनंसार, सड़कों से मवेशियों को हटाने के लिए जमीनी योजना नगर निगमों-नगर पालिकाओं को खुद ही बनाना है। इसके लिए शहरी गोठानों में मवेशियों को रखने की व्यवस्था करने पर विचार किया जा सकता है। इसे अलावा मवेशियों के मालिकों पर सख्ती भी की जा सकती है। पूरी तरह छुटटा (आवारा) मवेशियों को पकड़कर गोठानों-गोशालाओं को भी दिया जा सकता है।
Created On :   13 Dec 2022 12:50 PM IST