अनाज पर जीएसटी लगाोने के खिलाफ चलाया जाएगा देशव्यापी आंदोलन

A nationwide movement will be launched against the imposition of GST on food grains
अनाज पर जीएसटी लगाोने के खिलाफ चलाया जाएगा देशव्यापी आंदोलन
विरोध अनाज पर जीएसटी लगाोने के खिलाफ चलाया जाएगा देशव्यापी आंदोलन

डिजिटल डेस्क, चंद्रपुर। हाल ही में 47वें जीएसटी काउंसिल ने प्रस्तावित किए अनाज व खाद्य पदार्थ (नॉन ब्रॉन्डेड) पर 5 प्रतिशत जीएसटी लगाने को लेकर राज्यभर में व्यापारी, उद्योग संगठनों ने तीव्र विरोध किया है। केंद्र सरकार यह निर्णय तत्काल रद्द करें अन्यथा प्रस्तावित टैक्स के विरोध में देशभर में आंदोलन खड़ा किया जाएगा, ऐसा निर्णय महाराष्ट्र चेंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज ने बैठक में लिया है, ऐसी जानकारी चेंबर के अध्यक्ष ललित गांधी ने पत्र-परिषद में दी। 

महाराष्ट्र चेंबर ऑफ कॉमर्स, इंडस्ट्री एंड एग्रीकल्चर के अध्यक्ष ललित गांधी रविवार 24 जुलाई को चंद्रपुर दौरे पर थे। सुबह फेडरेशन ऑफ ट्रेडर्स कॉमर्स एंड इंडस्ट्री तथा चंद्रपुर व्यापारी मंडल द्वारा महेश भवन में  व्यापारी परिषद आयोजित की गई थी।  इसे  संबोधित करने के बाद दोपहर को चंद्रपुर एमआईडीसी के रेस्ट हाउस में आयोजित पत्र-परिषद में गांधी ने कहा कि, वैश्विक स्तर पर विविध घटनाओं का परिणाम भारतीय अर्थव्यवस्था पर होता है। फलस्वरूप देशभर में महंगाई बढ़ी है। ऐसे में जीवनावश्यक वस्तुओं पर टैक्स लगाना महंगाई की आग में तेल छिड़कने जैसा होगा। इसका परिणाम सामान्य ग्राहक व किसानों पर होगा। साथ ही छोटे व्यापारियों को भी भारी परेशानी होगी। उन्हें इस टैक्स की पूर्ति करना मुश्किल होगा। अनाज, दाल के साथ दूधजन्य पदार्थ दही, पनीर, ताक, पापड़, खुरमुरे, गुड़ आदि वस्तुअों पर यह टैक्स प्रस्तावित है।

रोजमर्रा की वस्तुओं पर टैक्स नहीं लगाया जाएगा, ऐसा आश्वासन वर्ष 2017 में सरकार ने दिया था। लेकिन अब यह टैक्स प्रस्तावित कर सरकार ने अपना आश्वासन तोड़ दिया है, जिससे देशभर के व्यापारियों के साथ आम ग्राहकों में असंतोष फैला हुआ है। इस कारण केंद्र सरकार से निर्णय तत्काल रद्द करने की मांग करनेवाला प्रस्ताव रविवार की बैठक में लिए जाने की जानकारी उन्होंने दी। उन्होंने कहा कि, कोई निर्णय लेने से पहले व्यापारियों को सरकार ने विश्वास में लेना चाहिए। पत्र परिषद में फेडरेशन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के अध्यक्ष मुधूसुदन रूंगटा, फोडरेशन ऑफ ट्रेडर्स कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के अध्यक्ष रामकिशोर सारडा, चंद्रपुर व्यापारी मंडल के अध्यक्ष रामजीवन परमार आदि उपस्थित थे।

एपीएमसी का कालबाहृय कानून रद्द होना चाहिए : केंद्र सरकार ने बाजार समितियों के नियमन की नई नीति स्वीकार की है। राज्य सरकार ने उनके विरोधी निर्णय लिया है। बाजार समितियों के परिसर के अलावा अन्य जगह होनेवाले व्यापार पर बाजार समिति को टैक्स लगाने का अधिकार नहीं है। अन्य राज्य से टैक्स भरकर आनेवाले माल पर फिर से टैक्स लगाना न्याय के खिलाफ हैै। बाजार समिति इस खेती माल के नियमन के लिए है। अन्य माल पर टैक्स न लगाए। समिति का वर्तमान कानून कालबाह्य हो गया है उसे रद्द करने की मांग उन्होंने की। 

Created On :   25 July 2022 3:44 PM IST

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