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ग्रामीण आरटीओ में 6 माह से 3 हजार आरसी बुक पेंडिंग
डिजिटल डेस्क, नागपुर। ग्रामीण प्रादेशिक परिवहन कार्यालय का विवादों से पीछा नहीं छूट रहा है। यहां के एक आला अधिकारी ईडी के निशाने पर हैं, जिसका असर कार्यालय के कामकाज पर पड़ रहा है। पता चला है कि पिछले 6 माह से इस कार्यालय में वाहनों की आरसी बुक नहीं बन पा रही है। कारण बताया जा रहा है कि आरसी बुक तैयार करने का काम जिस एजेंसी को सौंपा गया है, उस एजेंसी ने अपने कर्मचारियों को पिछले 6 माह से वेतन ही नहीं दिया है। इससे नियमित रूप से काम करने वाले कर्मचारी छुट्टी पर चले गए हैं। करीब 3 हजार आरसी बुक पेंडिंग हैं।
7-8 कर्मचारी करते हैं काम
सूत्रों के अनुसार आरसी बुक तैयार करने का काम जिस एजेंसी को सौंपा गया है, उसने कर्मचारियों को पिछले 6 माह से वेतन नहीं दिया है। इससे नियमित रूप से काम करने वाले 7-8 कर्मचारी छुट्टी पर चले गए हैं। आरटीओ कार्यालय में आरसी बुक के आवेदनों के बंडल जगह-जगह रखे हुए हैं। आरसी बुक तैयार करने का ठेका रोजमेर्टा टेलीकॉम लि. को दिया गया है, लेकिन इस कंपनी ने यह जिम्मेदारी वसुंधरा इंटरप्राइजेस नामक एजेंसी को दे दी है। वसुंधरा इंटरप्राइजेस ने प्रादेशिक परिवहन कार्यालय परिसर में ही अपना कार्यालय शुरू किया है। कर्मचारियों के नहीं आने से आवेदनों का ढेर लगता जा रहा है। आरसी बुक तैयार नहीं होने के कारण वाहनों की हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट भी उपलब्ध नहीं हो रही है। डीलरों द्वारा मार्च-21 से नंबरप्लेट उपलब्ध नहीं कराई गई है।
जल्द निपटारा करेंगे
हमने दोनों एजेंसियों से आरसी बुक का काम जल्द से जल्द पूर्ण करने का अनुरोध किया है। कर्मचारियों का वेतन देने का भी अनुरोध किया है। सभी वाहन डीलरों को हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट 3 दिन के भीतर उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं। जल्द समस्या का समाधान हो जाएगा। -शांताराम फासे, एआरटीओ, ग्रामीण
वाहन धारक परेशान
पिछले 6 माह से आरसी बुक नहीं मिलने के कारण वाहन धारक परेशान हैं। यहां आरसी बुक लेने के लिए पहुंचे एक वाहन धारक ने बताया कि उसने 3 माह पूर्व वाहन का पंजीकरण कराया। कार्यालयीन खानापूर्ति के बाद बताया गया कि वसुंधरा इंटरप्राइजेस को आरसी बुक (स्मार्ट कार्ड) तैयार करने की जिम्मेदारी दी गई है। एजेंसी के कार्यालय में दो नए कर्मचारी काम कर रहे हैं, जबकि नियमित कर्मचारी काम पर नहीं आ रहे हैं।
कर्मचारियों ने काम किया
एक अधिकारी ने बताया कि ग्रामीण आरटीओ में आरसी बुक तैयार करने का काम लंबे समय से प्रलंबित था। कुछ कर्मचारियों ने लॉकडाउन में नियमित रूप से काम किया है। इन कर्मचारियों के लिए विशेष पहचानपत्र जारी किए गए थे, ताकि वे आसानी से कार्यालय आ सकें। इसके बावजूद उक्त कर्मचारियों का यह कहकर वेतन रोक दिया गया कि लाॅकडाउन के दौरान काम हुआ ही नहीं है।
Created On :   4 Sept 2021 3:10 PM IST