टीबी के मरीजों में 5 फीसदी एचआईवी ग्रस्त
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डिजिटल डेस्क, नागपुर। विश्व टीबी दिवस 2023 की थीम है- ‘हां! हम टीबी को समाप्त कर सकते हैं।' टीबी को खत्म करने के लिए साल भर तक इस थीम पर विविध अभियान चलाए जाएंगे। शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय व अस्पताल में 2018 से 2023 के बीच 1329 मरीजों का उपचार किया गया। इनमें से 70 फीसदी मरीज स्वस्थ हो चुके हैं। ऐसा पल्मनरी मेडिसिन विभाग के प्राध्यापक व डीआरटीबी केंद्र के नोडल अधिकारी डॉ. सुशांत मेश्राम ने बताया। 2007 से 2023 तक टीबी के मरीजों के डेटा का विश्लेषण करने पर कई जानकारियां सामने आईं हैं। इतने सालों में 2224 मरीजों का उपचार किया गया। 15 साल में यह पाया गया कि महिलाआें की तुलना में पुरुष मरीजों की संख्या अधिक रही है। 62 फीसदी पुरुष व 38 फीसदी महिलाएं टीबी की मरीज रही हैं। मरीजों में 19 से 39 साल के 58 फीसदी, 40 से 59 साल की आयु वर्ग के 29 फीसदी, 60 साल से अधिक के 7 फीसदी व बच्चे तथा किशोरों की संख्या 6 फीसदी रही है। टीबी होने के साथ साथ मरीजों में अन्य बीमारियां भी पाई गई थीं। इनमें 5 फीसदी मरीज एचआईवी पॉजिटिव थे। 23 फीसदी मरीज शराबी, 10 फीसदी धूम्रपान, 8 फीसदी शराब व धूम्रपान दोनों, 13 फीसदी में अलग-अलग दूसरी बीमारियां पाई गई थीं। डॉ. मेश्राम ने बताया कि 15 साल में 373 मरीजों की मृत्यु हुई है।
Created On :   24 March 2023 2:52 PM IST