रबी सत्र के धान खरीदी के लिए जिले में शुरू हुए 47 नए केंद्र  

47 new centers started in the district for the purchase of paddy for Rabi season
रबी सत्र के धान खरीदी के लिए जिले में शुरू हुए 47 नए केंद्र  
गड़चिरोली रबी सत्र के धान खरीदी के लिए जिले में शुरू हुए 47 नए केंद्र  

डिजिटल डेस्क, गड़चिरोली। सरकार के दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए जिला प्रशासन ने रबी सत्र के लिए गड़चिरोली जिले में कुल 47 धान खरीदी केंद्र शुरू किए हैं। इन केंद्रों पर 1 से 30 जून की कालावधि में किसान अपने धान की बिक्री कर पाएंगे। इन केंद्रों में मार्केटिंग फेडरेशन के 11 केंद्रों के साथ आदिवासी विकास महामंडल के 28 और अहेरी के उपप्रादेशिक कार्यालय के 8 केंद्रों का समावेश है। धान बिक्री के लिए ऑनलाइन पंजीयन करने वाले किसान ही इन केंद्रों पर अपना धान बेच पाएंगे। बता दें कि, केंद्र सरकार ने धान को समर्थन मूल्य घोषित किया है। रबी सत्र के लिए धान को प्रति क्विंटल 1 हजार 940 रुपए दर घोषित की गई है।

बाजार में निजी व्यापारियों को धान की बिक्री करने पर किसानों का नुकसान हो सकता है। इस नुकसान से किसानों को बचाने के लिए सरकार ने एकाधिकार धान खरीदी योजना के तहत केंद्र आरंभ किए हैं। कोरची तहसील के बेतकाठी, काेटगुल, बेड़गांव, कुरखेड़ा तहसील के रामगढ़, येंगलखेड़ा, मालेवाड़ा, पुराड़ा, खेड़ेगांव, कुरखेड़ा, उराड़ी, कढ़ोली, आंधली, पलसगढ़, गोठणगांव, गेवर्धा, देवलगांव, सोनसरी, खरकाड़ा, नान्ही, अंगारा, आरमोरी तहसील के देवलनवाड़ी, दवंडी, कुरंडीमाल, देसाईगंज तहसील के पिंपलगांव, गड़चिरोली के चांदाल, धानोरा के मुरूमगांव, रांगी, सिरोंचा के आसरअल्ली, अमरादी, अंकिसा, वड़धम, जाफ्राबाद, सिरोंचा, बाम्हणी, विट्‌ठलरावपेठा, चामोर्शी, गड़चिरोली, मुलचेरा के विवेकानंदपुर, आरमोरी, वैरागढ़, वड़धा, देसाईगंज, कोरेगांव, किन्हाला, घोट और अमिर्झा गांव में खरीदी केंद्र शुरू किए गए हैं। किसानों से इन्हीं केंद्रों पर धान की बिक्री करने की अपील जिला आपूर्ति अधिकारी ने की है।  

प्रति एकड़ नौ क्विंटल होगी धान की खरीदी
रबी सत्र के लिए सरकार ने किसानों से प्रति एकड़ केवल 9 क्विंटल धान खरीदी करने का निर्णय लिया है। सिंचाई सुविधा से वंचित जिले के किसानों का इस वर्ष का उत्पादन प्रति एकड़ 15 से 20 क्विंटल हुआ है, लेकिन सरकारी निर्णय के कारण किसाना अपना पूरा धान केंद्रों में नहीं बेच पाएंगे। खरीफ के नुकसान से उबरने के लिए किसानों ने रबी सत्र पर विशेष ध्यान दिया, लेकिन रबी का पूरा धान अब किसान सरकार को नहीं बेच पाएंगे। फलस्वरूप आने वाले खरीफ सत्र के लिए किसान चिंता में डूबा नजर आने लगा है। 
 

Created On :   4 Jun 2022 5:51 PM IST

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