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आचार संहिता में पास हुए 382 करोड़ रुपए के बजट पर उठ रहे सवाल
डिजिटल डेस्क , नागपुर। यूनिवर्सिटी इन दिनों अपने बजट को लेकर सुर्खियों में है । आचार संहिता के बीच राष्ट्रसंत तुकड़ोजी महाराज नागपुर विश्वविद्यालय द्वारा पास किए गए 382 करोड़ रुपए के बजट पर जिलाधिकारी अश्विन मुद्गल ने यूनिवर्सिटी से स्पष्टीकरण मांगा है। यूनिवर्सिटी ने जिलाधिकारी को स्पष्टीकरण दिया कि राज्यपाल की सहमति से यूनिवर्सिटी ने सीनेट की सभा आयोजित की थी। वहीं यूनिवर्सिटी का बजट तो मैनेजमेंट काउंसिल ने पहले ही मंजूर कर लिया था। ऐसे में यूनिवर्सिटी की ओर से आचार संहिता का उल्लंघन नहीं हुआ है। जिलाधिकारी द्वारा मांगे गए स्पष्टीकरण से यूनिवर्सिटी में चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया है।
जिलाधिकारी ने मांगा ब्यौरा
जिलाधिकारी ने यूनिवर्सिटी से बैठक का कार्यवृत्त भी मांगा है। जिसके लिए यूनिवर्सिटी ने उनसे 30 दिनों का समय मांगा है। दरअसल नागपुर यूनिवर्सिटी ने 13 मार्च को अपना वार्षिक बजट पास किया था। सभा में कुलगुरु डॉ. काणे ने सफाई दी थी कि यह सभा राज्यपाल की अनुमति से हो रही है। ऐसे में बजट पास कराने के लिए अलग से किसी प्रकार की सलाह या मंजूरी की जरूरत नहीं है। अब चूंकि राज्य के एक अन्य यूनिवर्सिटी की बजट सभा आचार संहिता के चलते स्थगित कर दी गई है, तो यही नियम नागपुर यूनिवर्सिटी पर भी लागू होना चाहिए।
वहीं इस पर खुद यूनिवर्सिटी के सीनट सदस्यों ने सवाल उठाया है। सदस्यों के अनुसार जब राज्यपाल ने नागपुर यूनिवर्सिटी को बजट के लिए सीनेट आयोजित करने की अनुमति दी थी, तब आचार संहिता लागू नहीं हुई थी। राज्य उच्च व तकनीकी शिक्षा विभाग ने हाल ही में मुंबई विश्वविद्यालय को आचार संहिता का हवाला देते हुए 25 मार्च को बजट की बैठक रद्द करने के आदेश दिए हैं। ऐसी ही रोक उत्तर महाराष्ट्र विश्वविद्यालय, जलगांव के लिए भी लगाई गई है। अब चूंकि नागपुर विवि ने भी आचार संहिता लागू होने के बाद यह बजट पास किया, ऐसे में इसकी वैधता पर सवाल उठाए जा रहे हैं।
Created On :   26 March 2019 2:14 PM IST