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बरांज के 37 किसानों ने लगायी इच्छामृत्यु की गुहार
डिजिटल डेस्क, भद्रावती। कर्नाटका पॉवर कॉर्पोरेशन लिमिटेड बंगलोर की दूसरी शाखा इंटिग्रेटेड बरांज ओपन कास्ट माइंस किलोनी कोल ब्लॉक के प्रकल्पग्रस्त खेत किसान धारकों ने खेत जमीन तत्काल खरीदी करो अन्यथा हमें इच्छा मृत्यु की इजाजत दो इस मांग का ज्ञापन 37 खेत जमीन मालिकों ने राष्ट्रपति को भेजकर की है। प्राप्त जानकारी के अनुसार वर्ष 2007 से कर्नाटक पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड, बैंगलोर नामक बरांज मोकासा क्षेत्र में एक खुली कोयला खदान है। जिसका मालिकाना अधिकार कर्नाटक सरकार के पास है। वर्तमान में किलोनी खदान से कोयले का उत्खनन कर भारी मात्रा में कोयले का रेलवे द्वारा परिवहन किया जा रहा है। कंपनी इस क्षेत्र की खेत जमीन पर कब्जा कर कोयले का उत्पादन कर रही है, लेकिन इस जमीन की खरीदी नहीं कर रही है।
जमीन के मालिक किसान ना तो खेती कर पा रहा है। खदानों में धुएं से बड़ी मात्र में प्रदूषण हो रहा है। अब ये जमीन कोयला खदान की जहरीली गैस के कारण बंजर हो चुकी है। इस संबंध में जनप्रतिनिधि, प्रशासन के अधिकारी और कंपनी प्रशासन ध्यान देने को तैयार नहीं हैं। इंटिग्रेटेड बरांज ओपन कास्ट माइंस नामक कोयला खदान यहां कार्यरत है। 5 कोल ब्लॉक में इसका विस्तार हुआ है। जिसमें बरांज, मानोरा (बरांज), चिचोर्डी , किलोनी और मानोरा इन पांच ब्लॉक का समावेश है। फिलहाल किलोनी ब्लॉक से कोयले का उत्खनन बड़ी मात्रा में शुरू है। किलोनी कोल ब्लॉक यह बरांज और चिचोर्डी के गांव दोनों तरफ के खेत जमीन में आते हैं। बरांज ग्रामीण क्षेत्र में होने से इस जमीन का खरीदी दर कम है और चिचोर्डी यह भद्रावती नगर परिषद शहर क्षेत्र में आता है। इसलिए इस क्षेत्र जमीन का सरकारी भाव अधिक है।
दर अधिक होने से कंपनी यह जमीन नहीं खरीदी करना चाहती। पिछले चौदह वर्षों से इस जमीन के मालिक खेती नहीं कर पा रहे हैं और इन किसानों की प्रशासन जनप्रतिनिधि और कंपनी कोई भी इनकी आवाज नहीं सुन रहा है। कोयला उत्पादन के लिए की जा रही ब्लास्टिंग से किसानों में दहशत बनी है। यह सभी 37 किसान अपने ही जमीन पर खेती नहीं कर पा रहे हैं और ना ही कंपनी इन किसानों की जमीन खरीदी कर रहा है। इसलिए इन सभी 37 किसानों ने राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, केंद्रीय कोयला मंत्री, मुख्यमंत्री, पालकमंत्री, सांसद, विधायक और अन्य संबंधित प्रशासनिक और कंपनी के अधिकारी से यह अनुरोध किया गया है कि, हमें न्याय दिलवाओ। एक पत्र देश के राष्ट्रपति को लिखकर न्याय मांगा है कि, 15 दिन के भीतर न्याय दो या सभी को इच्छा मृत्यु की इजाजत देने की मांग की है। इनमें दिलीप मांढरे, मोहन दुधे, सूर्यकांत गौरकर, राकेश दुधे, पवन मांढरे सहित 37 खेत जमीन मालिकों ने राष्ट्रपति से की है।
Created On :   7 Feb 2022 1:30 PM IST