मौसम की मार से 3 लाख 66 हजार हेक्टेयर की खेती चौपट

3 lakh 66 thousand hectares of agriculture destroyed due to weather
मौसम की मार से 3 लाख 66 हजार हेक्टेयर की खेती चौपट
मौसम की मार से 3 लाख 66 हजार हेक्टेयर की खेती चौपट

डिजिटल डेस्क, मुंबई।  कोरोना महामारी के बीच राज्य के किसानों पर दोहरी मार पड़ती नजर आ रही है। अतिवृष्टि और बाढ़ के कारण जुलाई महीने में राज्य के 22 जिलों में 3 लाख 66 हजार 694 हेक्टेयर क्षेत्र की फसलों का नुकसान हुआ है। इसमें धान, कपास, सोयाबीन, ज्वारी, मक्का, गन्ना, हल्दी, तुअर, मूंग, उड़द, आम, संतरा, मौंसबी, नींबू, सुपारी जैसे फसलों और फल-सब्जियों को क्षति पहुंची है। 

दूसरी ओर राज्य में कई जगहों इलाकों में फसलों पर कीटों का असर भी देखा जा रहा है। राज्य के कृषि विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि बाढ़ के कारण सबसे अधिक कोल्हापुर, पुणे और कोंकण विभाग में फसलों का नुकसान हुआ है। इसके अलावा नागपुर, लातूर और अमरावती विभाग के कुछ जिलों में अतिवृष्टि के कारण फसलों को क्षति पहुंची है। अधिकारी ने कहा कि राज्य में खरीफ फसलों का बुवाई क्षेत्र 151.33 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में  है। इसमें से अभी तक 134.31 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में बुवाई हुई है। जिसमें से प्राथमिक अनुमान के अनुसार 3 लाख, 66 हजार, 694 हेक्टेयर क्षेत्र की फसलें खराब हुई हैं। पंचनामा पूरा होने के बाद फसलों का नुकसान का आंकड़ा और बढ़ेगा। अधिकारी ने बताया कि मक्का और ज्वारी की फसल पर लष्करी अली, कपास के फसल पर अमेरिकनबोंड अली व गुलाबी बोंड अली, धान की फसल पर गादमाशी कीटों का प्रभाव नजर आ रहा है। इसके अलावा जीवाणुजन्यकरपा रोग का भी प्रभाव दिख रहा है। 

26 जिलों में 100 प्रतिशत से अधिक बारिश 
राज्य के 26 जिलों में 100 प्रतिशत से अधिक बारिश हुई है। इसमें नागपुर, भंडारा, चंद्रपुर, अकोला, वाशिम, बुलढाणा, यवतमाल, वर्धा, औरंगाबाद, जालना, बीड़, लातूर, उस्मानाबाद, नांदेड़, परभणी, हिंगोली, कोल्हापुर, सांगली, सातारा, सोलापुर, ठाणे, रायगड, रत्नागिरी, सिंधुदुर्ग, पालघर और अहमदनगर का समावेश है। जबकि 5 जिले अमरावती, गोंदिया, गडचिरोली, जलगांव, पुणे में 75 से 100 प्रतिशत तक बारिश हुई है। वहीं 2 जिले धुलिया और नाशिक में 50 से 75 प्रतिशत और एक जिले नंदूरबार में 25 से 50 तक बरसात हुई है। राज्य में 1 जून से 2 अगस्त की अवधि में औसत बारिश 557 मिमी हुई। 2 अगस्त तक 688.1 मिमी यानी औसत से 123.5 प्रतिशत बारिश हुई। जबकि पिछले साल 2 अगस्त तक 530 मिमी यानी औसत की 95.2 प्रतिशत बरसात हुई थी। 

Created On :   7 Aug 2021 5:29 PM IST

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