घाटों से 24 घंटे उत्खनन, अधिकारियों की मिलीभगत से मोटी कमाई

24 hours excavation from the ghats, big money due to the connivance of the officials
घाटों से 24 घंटे उत्खनन, अधिकारियों की मिलीभगत से मोटी कमाई
रेत का खेल घाटों से 24 घंटे उत्खनन, अधिकारियों की मिलीभगत से मोटी कमाई

डिजिटल डेस्क, नागपुर।  सरकार रेत उत्खनन मामले में कितना ही कड़ा नियम क्यों न बना ले, रेत माफिया और अधिकारी उसका अपनी इच्छा अनुसार पालन कर रहे हैं। इन नियमों को ताक पर रख कर वैध रेत घाटों की आड़ में अवैध उत्खनन और परिवहन 24 घंटे किया जा रहा है। रेत माफिया इससे करोड़ों रुपए की कमाई कर अपनी जेब भर रहे हैं और सरकारी राजस्व को नुकसान हो रहा है। अवैध उत्खनन की अगर किसी ने शिकायत की, तो उसे धमकी दी जाती है, जिससे वह शिकायत वापस ले लेता है। इस गोरखधंधे के खिलाफ कोई मुंह खोलने की हिम्मत नहीं करता है।

इन घाटों की हुई नीलामी
वर्ष 2020-21 के लिए फरवरी माह में तहसील सावनेर अंतर्गत 9 रेत घाटों की नीलामी प्रक्रिया जिला प्रशासन ने की थी। इनमे रायवाड़ी, टेंभुरडोह, वाकोड़ी, रामडोंगरी-ब, खापापेठ, करजघाट, इसापुर-अ, रोहणा व बावनगांव-अ शामिल हैं। नीलामी प्रक्रिया पूरी होने के बाद सभी घाट संचालकों ने रेत घाटों पर कब्जा जमा लिया। 

रेत उत्खनन के यह हैं नियम
रेत उत्खनन के लिए जिला प्रशासन व एनजीटी (राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण) ने कुछ नियम बनाए हैं, जिससे रेत के उत्खनन के दौरान पर्यावरण व जनता को नुकसान न हो। रेत का उत्खनन मानव बल द्वारा ही किया जाए, रेत परिवहन करने वाले प्रत्येक वाहन को रायल्टी पास रखना अनिवार्य है, प्रत्येक वाहन में जीपीएस लगा हो, रेत घाट जाने वाले मार्ग व रेत संगृहीत किए जाने वाले स्थान पर सीसीटीवी कैमरे लगे हों, जिनका रिकार्ड प्रत्येक 15 दिन में तहसील कार्यालय में जमा कराना घाट संचालक के लिए अनिवार्य है। रेत को इकट्ठा करने का स्थान नदी से 5 किमी के अंतर पर होना चाहिए। उक्त स्थान के एनए (अकृषक) होने का प्रमाणपत्र देकर ही रेत भंडारण की इजाजत दी जानी चाहिए। नियमानुसार शाम 6 बजे के बाद किसी भी सूरत में नदी से रेत का उत्खनन नहीं कर सकते हैं। एनजीटी द्वारा बनाए गए नियमानुसार 9 जून के बाद नदी से रेत का उत्खनन नहीं किया जा सकता है। घाट संचालक 30 सितंबर तक संगृहीत रेत बेच सकते हैं, जिसके लिए भी रायल्टी पास देना अनिवार्य है। 

आरटीआई में नहीं दी जानकारी
तमाम कड़े नियमों के बावजूद कुछ रेत घाटों से रेत का उत्खनन 24 घंटे हो रहा है, लेकिन इन पर रोक लगाने में स्थानीय प्रशासन विफल है। कुछ लोगों ने रेत घाट, मार्ग व स्टॉक के स्थानों के सीसीटीवी फुटेज की मांग आरटीआई के तहत तहसील प्रशासन से की थी, जिस पर प्रशासन ने पत्र देकर सीसीटीवी व ड्रोन कैमरे द्वारा वीडियो नहीं बनाए जाने की जानकारी दी। जानकारी अनुसार अभी की तहसील के किसी भी रेत घाट पर सीसीटीवी कैमरे नहीं लगे हैं। रेत घाट नीलामी के कुछ माह में ही करोड़ों रुपए की रेत का अवैध उत्खनन व परिवहन किया जा चुका है।
 

Created On :   2 Sept 2021 12:34 PM IST

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