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नाबालिग से दुष्कर्म वाले युवक को 20 साल सश्रम कारावास
डिजिटल डेस्क, औरंगाबाद । घर में घुसकर 12 वर्षीय बालिका से दुष्कर्म करने वाले युवक रामराव अश्रुबा साबले (25) को 20 साल सश्रम कारावास और विभिन्न धाराओं के तहत 94 हजार रुपए दंड की सजा जिला एवं सत्र न्यायाधीश के.आर. चौधरी ने सुनाई। आरोपी मूलत: जांब आंध, तहसील सेनगांव, जिला हिंगोली का निवासी है, लेकिन वर्तमान में हर्सूल परिसर में रहता है और यहीं पर उसने काली करतूत को अंजाम दिया था।
यह है मामला
प्रकरण में 12 वर्षीय पीड़िता के पिता की फरियाद के अनुसार उन्हें 11, 12 और 13 वर्ष की तीन बेटियां हैं। फरियादी 11 नवंबर, 2019 को सुबह 9.30 बजे कुछ कार्यवश घर से बाहर गए थे। उनकी पत्नी खाना बनाने के लिए वड़गांव कोल्हाटी गई थी। 13 साल की बेटी दीपावली पर्व के उपलक्ष्य में मामा के घर जाने से घर पर पीड़िता एवं उसकी छोटी बहन थीं। दोपहर 2 बजे फरियादी खाना खाने के लिए घर पर पहंुचे, पर घर का दरवाजा भीतर से बंद था। उनकी छोटी बेटी छत पर थी। फरियादी ने चिल्लाकर पीड़िता को दरवाजा खोलने के लिए कहने के बावजूद उसने दरवाजा नहीं खोला। अनहोनी की आशंका के बीच फरियादी ने दरवाजा तोड़कर घर में प्रवेश किया और देखा कि शयनगृह का दरवाजा बंद है। फरियादी ने शयनगृह की खिड़की से झांककर देखा, तो परिसर में रहने वाला आरोपी रामराव साबले पीड़िता संग अश्लील हरकतें कर रहा था। फरियादी ने आवाज देकर गली में रहने वाले दोस्त को बुलाया और खिड़की से शयनगृह में जाकर आरोपी की बेदम पिटाई कर दी। तत्पश्चात पीड़िता संग दुष्कर्म के आरोप में उसके खिलाफ हर्सूल पुलिस थाने में अलग-अलग धाराओं के तहत अपराध दर्ज किया गया है।
5 गवाहों के बयान रहे अहम
मामले में जांच अधिकारी तत्कालीन उपनिरीक्षक एन.ए. कामे ने न्यायालय में आरोप-पत्र दायर किया। सुनवाई के दौरान सहायक सरकारी लोकाभियोक्ता ज्ञानेश्वरी नागुला-डोली ने 5 गवाहों के बयान दर्ज किए। इसमें पीड़िता, फरियादी, स्कूल के प्रधानाध्यापक और डॉक्टर की गवाही अहम रही। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद न्यायालय ने सबूतों के आधार पर आरोपी रामराव साबले को दोषी ठहराकर धारा 452 के तहत 3 साल सश्रम कारावास और 6 हजार रुपए का दंड की सजा सुनाई। इसके अलावा धारा 376 2 (i) के तहत 10 साल सश्रम कारावास एवं 20 हजार रुपए जुर्माना, धारा 354 के तहत 1 साल सश्रम कारावास और 3 हजार रुपए दंड, धारा 342 के तहत 6 माह सश्रम कारावास व पोक्सो की धारा 4 (2) के तहत 20 साल सश्रम कारावास और 50 हजार रुपए दंड, धारा 8 के तहत 3 साल सश्रम कारावास और 10 हजार रुपए दंड, धारा 12 के तहत 1 साल सश्रम कारावास और 5 हजार रुपए दंड की सजा सुनाई गई। मामले में पैरवी अधिकारी के रूप में जमादार एस.के. रज्जाक ने कार्य देखा।
Created On :   20 Aug 2022 7:59 PM IST