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नक्सलग्रस्त गड़चिरोली जिले की 458 ग्रापं के विकास के लिए मिलेंगे 15.45 करोड़

डिजिटल डेस्क,गड़चिरोली। लंबे अरसे से विकास की बांट जोह रहे नक्सलग्रस्त गड़चिरोली जिले के सुदूर इलाकों में अब विकास की गंगा बहने लगेगी। इसके लिए राज्य सरकार ने अहम कदम उठाते हुए सरकारी तिजोरी के द्वार खोलने का निर्णय लिया है। राज्य के ग्राम विकास मंत्रालय ने जिले की कुल 458 ग्राम पंचायतों के तहत विभिन्न प्रकार के विकास कार्य करने के लिए 15 करोड़ 44 लाख 29 हजार 414 रुपए की निधि को प्रशासकीय मंजूरी प्रदान की है। इस निधि से संबंधित ग्रापं के तहत आने वाले गांवों में विभिन्न तहर की बुनियादी सुविधाएं पहुंचायी जाएगी। साथ ही विकास कार्य किए जाएंगे। बता दें कि, आदिवासी बहुल गड़चिरोली जिले का अधिकांश हिस्सा आजादी के सात दशकों बाद भी विकास से वंचित है।
जिले की एटापल्ली, भामरागढ़, अहेरी समेत धानोरा तहसील के कई ऐसे गांव हैं जहां पहुंचने के लिए भी पक्की सड़कें अब तक नहीं बनायी गयी है। स्थानीय आदिवासियों को आज भी पगडंडियों का सहारा लेकर अन्य गांवों तक पहुंचना पड़ता है। इतना ही नहीं दर्जनों की संख्या में मौजूद नालों पर आज भी पुलों का निर्माणकार्य नहीं हो पाया है। स्थानीय आदिवासियों ने अपने स्तर पर कई नालों पर बांस की सहायता से अस्थायी पुलों का निर्माणकार्य कर सुविधा उपलब्ध करवाई है। इन सारी समस्याओं पर गंभीरता से ध्यान देते हुए राज्य सरकार ने बुधवार को एक अहम निर्णय लिया है। 15वें केंद्रीय वित्त आयोग की सिफारिशों के तहत प्रदेश के स्थानीय स्वराज्य संस्थाओं (ग्रापं) के लिए सरकार ने निधि वितरित करने का निर्णय लिया है। बुधवार को जारी एक सरकारी परिपत्रक के अनुसार गड़चिरोली जिले की कुल 458 ग्रापं के लिए निधि मंजूर की गई है। करीब 15 करोड़ 44 लाख 29 हजार 414 रुपए की निधि जिले के लिए मंजूर हुई है। यह निधि अहेरी तहसील की कुल 39, आरमोरी 33, भामरागढ़ 19, चामोर्शी 75, देसाईगंज 20, धानोरा 61, आलापल्ली 31, गड़चिरोली 51, कोरची 29, कुरखेड़ा 45, मुलचेरा 16 और सिरोंचा तहसील की कुल 36 ग्राम पंचायतों को वितरित की जाएगी। इस निधि से ग्रामीण स्तर पर विभिन्न प्रकार के विकास कार्य प्रस्तावित िकए गए हंै।
जनसंख्या के आधार पर वितरित होगी निधि
सरकार ने अपने शासनादेश में यह भी स्पष्ट किया है कि, जिस ग्रापं की जनसंख्या अधिक होगी, उस ग्रापं को अधिक निधि दी जाएगी। जबकि सर्वाधिक कम जनसंख्या वाली ग्रापं को कम निधि वितरित की जाएगी। सरकार के इस फैसले से ग्रापं स्तर के गांवों का विकास स्पष्ट रूप से दिखायी दे रहा है।
ग्रापं को खोलना होगा आईसीआईसीआई बैंक में खाता
राज्य सरकार द्वारा मंजूर निधि सीधे जिला परिषद के बैंक खाते में पीएफएमएस प्रणाली द्वारा जमा होगी। जिसके बाद विकास कार्यों का नियोजन कर संबंधित ग्रापं के खाते में निधि वर्ग की जाएगी। इसके लिए सभी पात्र ग्रापं को आईसीआईसीआई बंैक में खाता खाेलने की जरूरत पड़ेगी। ऐसा न करने पर किसी भी ग्रापं को निधि वितरित न करने के आदेश भी सरकार ने जारी किए हैं।
Created On :   11 Nov 2021 11:57 AM IST