मेडिट्रिना अस्पताल पर 10.10 लाख का जुर्माना
डिजिटल डेस्क, नागपुर। नागपुर जिला उपभोक्ता शिकायत निवारण आयोग ने रामदासपेठ स्थित मेडिट्रिना अस्पताल को कोरोना मरीज के इलाज में लापरवाही का दोषी करार दिया है। अस्पताल को मृत मरीज के परिजनों को 10 लाख रुपए का मुआवजा और 10 हजार रुपए दावा खर्च देने का आदेश दिया गया है। आयोग ने कहा है कि एक युवा व्यक्ति की जान की कोई कीमत तो नहीं हो सकती, लेकिन अस्पताल की लापरवाही के लिए उस पर जुर्माना लगाना जरूरी है।
कोरोना संक्रमित था
यह है मामला : शिकायतकर्ता मनोहर सूर्यवंशी (नि.नरसाला) सेवानिवृत्त सरकारी कर्मचारी हैं। उनका बेटा अमित (24) एक इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनी में क्षेत्रीय प्रबंधक था। 9 अप्रैल 2021 को अमित को कोरोना संक्रमण हुआ। उसे उक्त अस्पताल में भर्ती कराया गया। परिजनों ने अस्पताल में 1.50 लाख रुपए जमा िकए। हालत में सुधार होता नहीं नजर आया। अस्पताल ने इलाज के लिए अतिरिक्त रकम की मांग की। ऐसे में परिजनों ने 15 अप्रैल को मरीज को वानाडोंगरी स्थित शालिनीताई मेघे अस्पताल में भर्ती कराया। वहां सी.टी.स्कैन के बाद चिकित्सकों ने परिजनों को जानकारी दी कि मरीज का मस्तिष्क काम नहीं कर रहा है। 16 अप्रैल को अमित की मृत्यु हो गई। परिजनों ने मेडिट्रिना अस्पताल पर उपभोक्ता आयोग में 75 लाख रुपए का दावा ठोंका। मेडिट्रिना अस्पताल पर आरोप लगाया कि जब 9 से 15 अप्रैल तक अमित वहां भर्ती था, तो अस्पताल ने अमित को ऑक्सीजन या रेमडेसिविर इंजेक्शन नहीं लगाया, न ही उसकी मस्तिष्क की समस्या के बारे में परिजनों को जानकारी दी। ऐसे में उनका आरोप था कि अस्पताल ने अमित के इलाज में लापरवाही की। परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ सक्करदरा पुलिस में शिकायत भी दर्ज कराई।
अस्पताल ने सफाई दी : अस्पताल ने आयोग के समक्ष जवाब प्रस्तुत किया, जिसमें अपने पर लगाए गए सभी आरोपों को खारिज किया। लेकिन आयोग ने सभी पक्षों को सुनकर माना कि जिस वक्त मरीज को प्रथम अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती किया गया, उस वक्त संबंधित अस्पताल में कोरोना मरीजों के इलाज के लिए उपयुक्त सुविधा नहीं थी। मरीज का इलाज करने वाला िचकित्सक भी कोरोना मरीजों का इलाज करने के लिए सरकार से अधिकृत नहीं था। इसलिए अस्पताल को मरीज की इलाज में लापरवाही का दोषी माना जाएगा।
Created On :   19 April 2023 10:40 AM IST