101 मतदान केन्द्र, थाने में हैं 88 पुलिस कर्मी, कैसे संभालेंगे जिम्मेदारी

101 polling stations and 88 police men handle responsibility
101 मतदान केन्द्र, थाने में हैं 88 पुलिस कर्मी, कैसे संभालेंगे जिम्मेदारी
101 मतदान केन्द्र, थाने में हैं 88 पुलिस कर्मी, कैसे संभालेंगे जिम्मेदारी

 डिजिटल डेस्क, नागपुर।  वाड़ी पुलिस स्टेशन की कहानी को सुनकर आप हैरान हो जाएंगे। इस पुलिस स्टेशन में केवल 88 पुलिस कर्मी कार्यरत हैं, जिनमें से 15 से 16 पुलिस कर्मी साप्ताहिक छुट्टी पर रहतेे हैं। 9 पुलिस कर्मी संलग्न हैं, तो कुछ पुलिस स्टेशन के अलावा कोर्ट के काम में बिजी रहते हैं। जनता की सुरक्षा के लिए वाड़ी पुलिस स्टेशन में केवल 40 से 45 पुलिस कर्मी दिन-रात सुरक्षा में तैनात रहते हैं। थाने में पुलिसकर्मियों की कमी के चलते जो अधिकारी तैनात हैं, उन पर सुरक्षा का भारी टेंशन बना रहता है। 11 अप्रैल को लोकसभा के लिए मतदान है। वाड़ी पुलिस क्षेत्र कुछ रामटेक, नागपुर लोकसभा क्षेत्र में आता है। क्षेत्र में 101 चुनाव बूथ हैं, जिसके लिए बाहर से पुलिस मंगवानी पड़ती है। चेक पोस्ट पर वाड़ी के 4 से 5 पुलिस कर्मी लगातार जुटे रहते हैं। 7 ग्राम पंचायत व 1 नगर परिषद क्षेत्र है। 101 बूथों पर 11 अप्रैल को लोकसभा के चुनाव का भारी टेंशन बना है। सुरक्षा देना वाड़ी पुलिस के सामने बड़ी चुनौती है।इधर नेता अनेक मामले लेकर वाड़ी थाने पहुंच कर पुलिस को ही बदनाम करते हैं, लेकिन जनसंख्या के हिसाब से थाने को पुलिस देने की मांग आज तक वाड़ी के किसी नेता नहीं की है। वाड़ी में 4 चार्ली बाइक हैं, चारों खराब हैं। चार्ली अपनी खुद की बाइक से पेट्रोलिंग करते हैं।

छोटी घटनाओं पर ध्यान नहीं दे पाती है पुलिस
वाड़ी पुलिस स्टेशन का क्षेत्र काफी लंबा है। 4 बीट आंबेडकर नगर, कंट्रोल वाड़ी, दत्तवाड़ी, आठवां मैल, वड़धामना है। 7 ग्राम पंचायत व 1 नगर परिषद क्षेत्र मिलाकर कुल करीब ढाई लाख जनसंख्या है। इतना बड़ा क्षेत्र केवल 45 पुलिस कर्मियों को डे-नाइट संभालना पड़ रहा है। आने वाली हर शिकायत पर पुलिस पुरजोर ध्यान देने की कोशिश करती है, लेकिन महत्व की घटनाएं सामने आने पर छोटी घटनाओं पर पुलिस उतना ध्यान नहीं दे पाती।

चुनाव के दौरान यह  रहती है स्थित-

  • बदमाशों को ऐसे वक्त का इंतजार रहता है, जब पुलिस ज्यादा व्यस्त हो।
  • इलेक्शन के दौरान पुलिस का पूरा जोर शांति-व्यवस्था बनाए रखने में होता है।
  • वीआईपी मूवमेंट होने से अन्य ड्यूटी करीब-करीब बंद हो जाती है।
  • थानों और चौकियों में संख्या कम रहने से कर्मचारी अक्सर तनाव में रहते हैं।
  • अन्य ड्यूटी की दौड़-भाग में अक्सर थाना और पुलिस स्टेशन खाली हो जाते हैं।


 

Created On :   2 April 2019 1:24 PM IST

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