सुकून की सांस: पोआमा में ६० हेक्टेयर में बनेगा नगर वन, एडवेंचर एक्टीविटी भी शामिल
- मेडिटेशन से लेकर बच्चों के एडवेंचर गेम भी होंगे शामिल
- लगेगी करीब 2 करोड़ रुपये की लागत
- जल्द से जल्द काम होगा शुरू
डिजिटल डेस्क, छिंदवाड़ा। शहर की भाग-दौड़ और धूल-मिट्टी के साथ दूषित हवा से निजात दिलाने के लिए वन विभाग पोआमा में नगर वन बनाने जा रहा है। तकरीबन ६० हेक्टेयर में बनने वाले इस नगर वन में जाने वाले लोगों को सुकुन की सांस तो मिलेगी साथ ही कई साहसिक खेल गतिविधियों के साथ-साथ ओपन जिम और मेडिटेशन पार्क भी बनाया जाना प्रस्तावित है। दरअसल, शहरों से लगे हुए जंगलों को नगर वन बतौर डेव्हल्प किया जा रहा है। इसके लिए शहर से लगे या शहर के अंदर बने जंगल में इस नगर वन को तैयार करना है। इसके लिए वन विभाग ने शहर से तकरीबन सात किलोमीटर की दूरी पर स्थित पोआमा नर्सरी से लगे तकरीबन ६० हेक्टेयर में नगर वन को बनाए जाने के लिए चिन्हित किया है। यहां पर आने वाले लोगों शहर की भाग-दौड़ को छोड़ प्रकृति का आनंद लेंगे। नगर वन ओपन ब्रिज, बच्चों का प्ले जोन, स्मृति वन, कैक्टस गार्डन, ओपन योग, जॉंगिंग ट्रेक, मेडिटेशन पार्क सहित अन्य गतिविधियों के साथ इस नगर वन को बनाया जा रहा है। यहां लोगों को पेड़ पौधों व वन्यप्राणियों के बारे में जानकारी भी दी जाएगी।
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ऐसा बनेगा नगर वन
वन विभाग की ओर से जो प्रेजेंटेशन इसके लिए बनाकर दिया है उसमें तकरीबन ६० हेक्टेयर में नगर वन बन रहा है। पूर्व वनमंडल के छिंदवाड़ा रेंज के काराबोह बीट में इसे बनाया जा रहा है। कलेक्ट्रेट से तकरीबन सात किलोमीटर दूर यह नगर वन बन रहा है। इसमें वन विभाग के अलावा कन्सलटेंट टीम में हार्टिकल्चर, कृषि विभाग और पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग को भी सौंपा गया है। तकरीबन दो करोड़ रुपए की लागत से बनने वाले इस नगर वन का काम वर्ष २०२४-२५ से २०२८-२९ तक बनकर तैयार होगा।
नगर वन शहरों के लिए ऑक्सीजन बैंक का काम करेंगे
जिले की बढ़ती आबादी और लगातार हो रहे क्लाइमेट चेंज के असर को कम करने के लिए यह नगर वन कारगार साबित होंगे। शहर के नजदीक होने के कारण यह नगर वन ऑक्सीजन बैंक की तरह काम करेंगे। नगर वन में वन विभाग ज्यादा से ज्यादा ऑक्सीजन देने वाले पौधे रोपने की तैयारी है। इन्हें अगले पांच वर्षों में विकसित करने की योजना है।
नगर वन की खासियत यह होगी
कुल साठ एकड़ में नगर वन को बनाया जाएगा जिसमें तकरीबन दो करोड़ रुपए की लागत होगी।
सीएफसी सेंटर में प्रजेंटशन हॉल बनाया जाएगा।
नगर वन में चिल्ड्रन पार्क, एडवेंचर पार्क, दो तालाब, फूड आउटलेट्र मेडिटेशन पार्क होगा जिसमें योग की सारी मुद्राओं वाली मूर्तियां रहेगी, यहां एक बरगद का पेड़ है जिसमें मेडिटेशन केन्द्र बनाया जगा।
जिले में तीन प्रकार के बांस की प्रजाति होती है। यहां बम्बू की सभी प्रकार की प्रजाति का प्रदर्शन किया जाएगा।
विलुप्त हो रहे तकरीबन ८४ प्रकार के औषधीय पौधों के प्लांट लगाए जाएंगे।
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नगर वन से यह होगा फायदा
शहर से नजदीक वन क्षेत्र है जहां पर पूर्व से घना जंगल है। इसके अलावा यहां पर दो तालाब भी है जिसे एडवेंचर एक्टीविटी के लिए है। इसके अलावा नगर वन बनने से वायु गुणवत्ता में सुधार, प्रदूषण में कमी, कार्बन पृथक्करण, तापमान में कमी और शहरी ताप द्वीप प्रभाव, पानी और मृदा संरक्षण, शीतलता के साथ सौन्दर्यात्मक मूल्य वाले हरित स्थान का निर्माण लोगों के मन पर शांत प्रभाव।
इनका कहना है
नगर वन बनाने के लिए पोआमा का चयन किया गया है। इसके लिए कार्य योजना बनाई जा चुकी है जल्द ही इसका काम शुरू होगा।
ब्रिजेन्द्र श्रीवास्तव, डीएफओ, पूर्व वनमंडल
पोआमा सीएफसी सेंटर के पास से तकरीबन ६० हेक्टेयर में नगर वन बनाया जा रहा है। इसमें मेडिटेशन सेंटर, एडवेंचर एक्टीविटी, चिल्ड्रन पार्क सहित अन्य शामिल है। शहर या इससे नजदीक के जंगल में नगर वन बनाया जाना प्रस्तावित है इसके तहत पोआमा का चयन किया गया है।
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Created On :   9 Sept 2024 10:48 AM IST