भास्कर इन्वेस्टिगेशन: मुख्यमंत्री की महत्वाकांक्षी योजना धराशायी
- तालाबों के आसपास पौधरोपण भी नहीं
- 10 तालाबों का चयन पर ,
- एक के भी कैचमेंट एरिया में नहीं हटा अतिक्रमण
Shahdol। शहडोल में पर्यावरण संरक्षण के लिहाज से मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की महत्वाकांक्षी योजना ही शहर में धराशायी हो गई। यहां मुख्यमंत्री जल संवर्धन योजना से शहर के 10 तालाबों का चयन जून माह में किया गया। इन तालाबों में कैचमेंट एरिया से अतिक्रमण हटाकर पौधरोपण किया जाना था। तालाबों में जलभराव और आसपास हरियाली के लिए काम करने के तमाम दावे भी हुए। कलेक्टर, एसडीएम, नगर पालिका सीएमओ ने अतिक्रमण हटाकर जल्द पौधरोपण की बात तो कही पर चार माह बाद भी स्थिति जस की तस है। एक भी तालाब में कैचमेंट एरिया से अतिक्रमण नहीं हटा। इससे पौधरोपण भी नहीं हो सका।
मुख्यमंत्री जल संवर्धन योजना अंतर्गत जिन तालाबों का चयन किया गया था, उनमें बारिश का मौसम प्रारंभ होने के कारण अतिक्रमण हटाने के साथ ही जलभराव के लिए काम नहीं हो सका। अब काम प्रारंभ कर रहे हैं।
अक्षत बुंदेला सीएमओ नगर पालिका शहडोल
योजना में इन तालाबों का चयन
वार्ड क्रमांक 8 हनुमान मंदिर के पास
शहीद भगत सिंह काम्पलेक्स के पीछे
शहंशाह आश्रम के पीछे
श्याम केयर हास्पिटल के पीछे
त्रिदेव होटल के पीछे
गोरहाई तालाब
करन तलैया
आईजी बंगला के पीछे
घरौला तालाब
कलेक्टर बंगला के पीछे
(नपा द्वारा तैयार की गई सूची)
तालाबों के रखरखाव में ऐसे बरती लापरवाही
एसडीएम ने जून माह में सर्वे करवाकर 93 अतिक्रमण अकेले घरौला तालाब में बताए। इसमें नगर पालिका को टीम बनाकर अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई करनी थी।
शहीद भगत सिंह काम्प्लेक्स के पीछे स्थित तालाब में पानी भराव का इंतजाम ही नहीं है। पानी कम भरने का तालाब का एरिया सिकुड़ता जा रहा है, इससे अतिक्रमण बढ़ता जा रहा है।
शहर में अधिकांश तालाब में जलभराव के इंतजाम नहीं है। इससे तालाब का क्षेत्रफल कम होने से धीरे-धीरे मेढ़ पर अतिक्रमण के मामलों में बढ़ोतरी हो रही है।
राजस्व विभाग द्वारा शहर में तालाबों के संरक्षण में उदासीन रवैया अपनाई जा रही है। पटवारी द्वारा जांच, नोटिस और कार्रवाई प्रस्ताव में लापरवाही बरती जा रही है।
Created On :   28 Nov 2024 10:21 AM IST