गोटमार मेला: परंपरागत खूनी खेल में 600 से ज्यादा घायल, 13 लोग हुए गंभीर घायल

परंपरागत खूनी खेल में 600 से ज्यादा घायल, 13 लोग हुए गंभीर घायल
  • रात 9 बजे आपसी समझौते से लाया गया झंडा
  • मां चंडिका के मंदिर में लगा मेला
  • कलेक्टर-एसपी ने दूरबीन से रखीं नजर

डिजिटल डेस्क, छिंदवाड़ा। ऐतिहासिक गोटमार मेले में मंगलवार को खूनी खेल दो गांव के बीच उत्साह से खेला गया। जिसमें पत्थरों के बीच झंडा तोडऩे की कवायद में 600 से ज्यादा लोग घायल हो गए। 13 लोगों को गंभीर चोट लगने से नागपुर रेफर किया गया। एक दूसरे का खून बहाकर परंपरा निभाने की प्रथा को देखने के लिए महाराष्ट्र सहित आसपास के जिलों से लोग पहुंचे थे। देर शाम तक जब झंडा नहीं टूटा तो रात 9 बजे आपसी समझौते से दोनों पक्षों ने झंडे को चंडिका माता मंदिर तक लाया। गौरतलब है कि पांढुर्ना में करीब एक सदी से चली आ रही दो गांव के बीच खूनी खेल की यह परंपरा मंगलवार को निभाई गई। सावरगांव पक्ष के लोगों ने झंडा रूपी पलाश के पेड़ का विधिवत पूजन किया, फिर इसे जेसीबी की मदद से जाम नदी के बीचों-बीच गाड़ा गया। पांढुर्ना और सांवरगांव के बीच नदी में गाड़े गए झंडे को तोडऩे के लिए दोनों गांवों के बीच पत्थरों से खूनी खेल खेला गया। हर साल की तरह इस बार भी पुलिस व प्रशासन ने व्यवस्थाएं बनाई थी। देर शाम तक चले इस खेल में 600 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। वहीं 13 लोगों को गंभीर चोट लगने के कारण नागपुर रेफर किया गया।

इन लोगों को आई गंभीर चोट

जानकारी अनुसार नागपुर रेफर किए गए घायलों में शुभम सेंबेकर, श्रावण निकाजु, जगदीश डाबरे, शुभम शिंदे, विक्की बालपांडे, कैलाश घोड़े, मनोज कुमार और अमित कोरडे सहित अन्य शामिल है।

चप्पे-चप्पे पर तैनात रही पुलिस

गोटमार मेले में सुरक्षा व्यवस्था को काबू में रखने के लिए पांच सौ से अधिक पुलिस बल तैनात रहा। घायल होने वाले खिलाडिय़ों के उपचार के लिए पांढुर्ना व सावरगांव में बने दो-दो कैंपो में चिकित्सकों व स्वास्थ्यकर्मियों के अलावा कुल आठ एंबुलेंस तैनात रही। पांढुर्ना शहर की ओर आने वाले मार्गों पर 11 स्थानों पर नाकेबंदी की गई। इसके अलावा शहर में भी चप्पे-चप्पे पर टीमें तैनात रही।

मेले की झलकियां

मां चंडिका के मंदिर में लगा मेला: गोटमार के दौरान मेले की आराध्य देवी मां चंडिका के मंदिर में भक्तों का मेला लगा रहा। यहां पूजन करके और माथा टेककर ही खिलाड़ी व अन्य लोग गोटमार में शामिल हुए। श्रद्धालुओं ने मां चंडिका का पूजन किया। मंदिर समिति ने भक्तों के लिए विशेष व्यवस्था की व भंडारा भी आयोजित किया। सुबह से ही मां चंडिका देवी के मंदिर में भक्तों का तांता लग गया।

विधायक ने भी चलाए पत्थर

मेले में पहुंचे क्षेत्रीय विधायक नीलेश उईके ने पांढुर्ना पक्ष की ओर से पत्थरबाजी करते हुए गोटमार की परंपरा का निर्वहन किया। विधायक नीलेश उईके ने कहा कि गोटमार की यह परंपरा पांढुर्ना व सावरगांव वासियों की आस्था से जुड़ी है। उन्होंने मां चंडिका के मंदिर पहुंचकर पूजन किया और क्षेत्रवासियों के लिए सुख-समृद्धि की कामना की।

कलेक्टर-एसपी ने दूरबीन से रखीं नजर: मेले में कलेक्टर अजय देव शर्मा, एसपी सुंदरसिंह कनेश, एएसपी नीरज सोनी, एडीएम नीलमणि अग्निहोत्री व वरिष्ठ अधिकारी प्रशासनिक व्यवस्था का जायजा लेते रहे। अधिकारियों ने केकतपुरे श्रीराम मंदिर में बने कंट्रोल रूम से दूरबीन से मेले की गतिविधियों पर नजर रखीं। मेले की निगरानी के साथ ही दोनों अधिकारी चप्पे-चप्पे पर तैनात अधिकारियों व बल से मेले का अपडेट लेते रहे।

Created On :   4 Sept 2024 10:07 AM IST

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