छिंदवाड़ा: 15 साल बाद फिर पढ़ा गया मंगलाष्टक, फिर रचाई दूसरी शादी

15 साल बाद फिर पढ़ा गया मंगलाष्टक, फिर रचाई दूसरी शादी
  • शुभ बेला पर एक दंपति का विधिवत् दूसरा विवाह संपन्न हुआ
  • काशीनाथ व पायल की दोनों बेटियां हनी व विद्या भी मौजूद रही
  • अपने माता-पिता के विवाह में शामिल हुए बच्चे

डिजिटल डेस्क, छिंदवाड़ा। शहर के रानी दुर्गावती वार्ड में भव्य मंडप सजाया गया और शुभ बेला पर एक दंपति का विधिवत् दूसरा विवाह संपन्न हुआ। शादी के करीब 15 साल बाद दोबारा मंगलाष्टक पढ़ा गया और वर-वधू की दोबारा शादी रचाई गई। यह अवसर था श्रीमद् भागवत कथा सप्ताह में भगवान श्रीकृष्ण और राधारानी के विवाह प्रसंग का। जिसमें काशीनाथ बालपांडे श्रीकृष्ण के रूप में सजधजकर वर बने और उनकी धर्मपत्नी पायल ने राधारानी के रूप में सजकर वधू की भूमिका निभाई।

भगवान श्रीकृष्ण और राधारानी के विवाह के इस प्रसंग में काशीनाथ और पायल का पूरे परंपरा और विधी-विधान से दूसरा विवाह भी हुआ। सभी रिवाज विवाह की भांति पूरे विधी-विधान से निभाए गए। यह विवाह देखकर सभी प्रफुल्लित हुए और काशीनाथ व पायल के दूसरे विवाह की खूब खुशियां मनाई गई। इस दौरान काशीनाथ व पायल की दोनों बेटियां हनी व विद्या भी मौजूद रही।

आयोजन से जुड़े गणेश बापू बालपांडे ने बताया कि परिवार के सचिन वैद्य के निवास पर पितरों की शांति के लिए श्रीमद् भागवत कथा सप्ताह आयोजित किया गया है। सप्ताह में तिनखेड़ा के वनदेवी साधिका आश्रम की साध्वी अर्पिता दीदी कथा वाचन कर रही है। कथा प्रसंग के दौरान यहां झांकियां भी सजाई जा रही है। शनिवार को यहां भगवान श्रीकृष्ण और राधारानी के विवाह प्रसंग के वाचन के दौरान झांकी भी सजाई गई। जिसमें काशीनाथ और पायल का भगवान श्रीकृष्ण और राधारानी के रूप में दूसरी बार विधिवत् विवाह संपन्न हुआ।

Created On :   28 Sept 2024 8:03 PM GMT

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