मध्य प्रदेश: शासकीय राशि आहरण पर रोक लगाने कलेक्टर को पत्र, गल्र्स कॉलेज प्राचार्य ने कहा- हाईकोर्ट से स्टे, ऐसे में जनभागीदारी अध्यक्ष का पत्र लिखना उचित नहीं

शासकीय राशि आहरण पर रोक लगाने कलेक्टर को पत्र, गल्र्स कॉलेज प्राचार्य ने कहा- हाईकोर्ट से स्टे, ऐसे में जनभागीदारी अध्यक्ष का पत्र लिखना उचित नहीं
  • गल्र्स कॉलेज प्राचार्य ने कहा- हाईकोर्ट से स्टे
  • जनभागीदारी अध्यक्ष का पत्र लिखना उचित नहीं- गल्र्स कॉलेज प्राचार्य
  • शासकीय राशि आहरण पर रोक लगाने कलेक्टर को पत्र

डिजिटल डेस्क, शहडोल। मध्य प्रदेश के शहडोल में शासकीय इंदिरा गांधी गृहविज्ञान स्नातकोत्तर महाविद्यालय (गल्र्स कॉलेज) में वित्तीय मामलों पर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। ताजा मामले में कॉलेज के जनभागीदारी समिति के अध्यक्ष विभव पांडेय ने कलेक्टर को पत्र लिखकर जनभागीदारी मद की राशि को व्यय करने पर रोक लगाने की मांग की है।

अध्यक्ष ने आरोप लगाया है कि कॉलेज प्राचार्य डॉ. उषा नीलम हाईकोर्ट से एक माह के स्टे पर हैं। यह स्टे भी उस आर्डर पर मिला है, जिसमें कलेक्टर द्वारा वित्तीय गड़बड़ी की जांच में 13 करोड़ रूपए के अनियमितता की पुष्टि के बाद कार्रवाई के लिए पत्र उच्च शिक्षा विभाग को भेजा और विभाग द्वारा निलंबित किया गया था।

जनभागीदारी अध्यक्ष ने मांग की है कि उनके द्वारा की जा रही राशि आहरण पर रोक लगाई जाए और गल्र्स कॉलेज के अलावा अन्यत्र पदस्थापना दी जाए। वहीं इस पूरे मामले पर गल्र्स कॉलेज प्राचार्य डॉ. उषा नीलम का कहना है कि कर्मचारियों के वेतन के अलावा अन्य किसी भी प्रकार की राशि आहरित नहीं की गई है। जनभागीदारी अध्यक्ष हाईकोर्ट के आर्डर के बाद भी कलेक्टर को पत्र लिख रहे हैं तो यह उचित बात नहीं है।

Created On :   3 Sept 2024 5:25 PM GMT

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