मध्यप्रदेश: तत्कालीन बीएमओ डॉ. के.पी. राजपूत के विरूद्ध दर्ज फर्जी एफआईआर की उच्च स्तरीय जांच की मांग

तत्कालीन बीएमओ डॉ. के.पी. राजपूत के विरूद्ध दर्ज फर्जी एफआईआर की उच्च स्तरीय जांच की मांग
  • बीएमओ डॉ. के.पी. राजपूत के विरूद्ध दर्ज हुई एफआईआर
  • फूलचंद्र अहिरवार द्वारा फर्जी बिल भुगतान करवाने की कोशिश की गई
  • उक्त प्रकरण की उच्च स्तरीय की जांच की मांग की गई

डिजिटल डेस्क, पन्ना। सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र अजयगढ के तत्कालीन बीएमओ डॉ. के.पी. राजपूत के विरूद्ध पुलिस में दर्ज की गई एफआईआर को फर्जी बताते हुए सर्वदलीय नेताओं के साथ एक सैकडा से अधिक ग्रामीणों ने प्रदेश के मुख्यमंत्री के नाम मुख्यालय पहुंचकर ज्ञापन सौंपा। जिसमें उल्लेख किया गया कि डॉ. के.पी. राजपूत योग्य, ईमानदार एवं मिलनसार चिकित्सक हैं। उनके ऊपर वर्ष 2022 में फर्जी शिकायत की गई जिनकी विभागीय जांच समिति द्वारा की गई। समिति द्वारा लगाए गए गबन की जांच में जैसे गेट बेंचने एवं अस्पताल का समान अपने घर रखने के आरोप निराधार पाये गए। केवल सफाई मजदूरों से सफाई के अतिरिक्त अन्य कार्य करवाने पर लापरवाही अंकित की गई।

ज्ञापन में आगे उल्लेख किया गया कि दिनांक 29 मार्च 2023 को लेखापाल वीरेन्द्र चौधरी एवं फूलचंद्र अहिरवार द्वारा फर्जी बिल भुगतान करवाने की कोशिश की जिसे डॉ. राजपूत द्वारा पकड लिया गया एवं उनके ऊपर कार्यवाही हेतु सीएमएचओ को पत्राचार किया लेकिन राजनैतिक संरक्षण के कारण कोई कार्यवाही नहीं की गई उल्टा राजनैतिक दबाव बनाकर अधिकारियों पर दबाव बनाकर वीरेन्द्र चौधरी लेखापाल द्वारा जून 2024 में झूठा बयान दिलाकर कि वर्ष 2020 में डॉ. के.पी. राजपूत ने मुझसे फर्जी डाइट के बिल लगवाये थे एवं 3 लाख 60 हजार 274 की गबन की राशि की फर्जी एफआईआर दर्ज करा दी।

ज्ञापन के माध्यम से डॉ. राजपूत का स्थानांतरण रद्द करने एवं उक्त प्रकरण की उच्च स्तरीय की जांच की मांग की गई। ज्ञापन सौंपने वालों में प्रमुख रूप से कांग्रेस नेता भरत मिलन पाण्डेय, सपा जिलाध्यक्ष दशरथ सिंह यादव, एडवोकेट भाजपा नेता शारदा सिंगरौल, जयराम यादव, रामायण लोधी, कामता आरख, कामता भुर्जी, ओमकार लोधी, चंदन लोधी, मलखान लोधी, रमेश लोधी, राम सिंह, राजेन्द्र लोधी सहित काफी संख्या में लोग शामिल रहे।

Created On :   31 July 2024 5:01 PM GMT

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